जम्मू-कश्मीर में बने गुपकार गठबंधन को अमित शाह ने गुपकार गैंग कहा है, वहीं अब खबर यह है कि गुपकार गठबंधन की मुख्य पार्टी नेशनल कांफ्रेंस, लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट कौंसिल, करगिल में बीजेपी की सहयोगी है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लरेशन (पीएजीडी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की पार्टी के 10 सदस्य लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट कौंसिल (LAHDCK) के 26 निर्वाचित सदस्यों में शामिल हैं, वहीं आठ कांग्रेस से और तीन बीजेपी से हैं। पांच सदस्य निर्दलीय हैं। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने चार सदस्यों को मनोनीत किया है, इस प्रकार यह संख्या 30 हो गई है।
इसे सहयोग कहा भी
कहा जा सकता है, पर दूसरे शब्दों में कहें, तो इस क्षेत्र के विकास के लिए ये सभी
दल एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे। दो अलग-अलग इलाकों में दोनों दलों की राजनीति की दिशा भी अलग-अलग है। यह उस प्रकार का राजनीतिक
गठबंधन नहीं है,
जिस प्रकार से दो राजनीतिक दल एक एजेंडा लेकर साथ आते हैं। कौंसिल में नेशनल कांफ्रेंस और
बीजेपी की साझेदारी के बारे में पूछे जाने पर लद्दाख में बीजेपी के सांसद और
पार्टी की लद्दाख इकाई के अध्यक्ष, जम्यांग तर्सिंग नामग्याल
ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस के साथ बीजेपी खुले तौर पर साझेदार है, और आगे भी रहेगी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के गुपकार गठबंधन
के संबंध में कहा कि वे लोग जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य बनाना चाहते हैं, और अनुच्छेद 370 की बहाली चाहते हैं, लेकिन लद्दाख में ऐसा नहीं है। लद्दाख अनुच्छेद 370 के खिलाफ है।
कौंसिल के मुख्य
कार्यकारी पार्षद फिरोज़ खान ने कहा कि करगिल में एनसी भी शामिल था। अब लद्दाख एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गया
है, लेकिन उनका मूल संगठन अब भी वही है, और फारूक अब्दुल्ला ही उनके नेता हैं। अध्यक्ष और मुख्य
कार्यकारी कौंसलर के रूप में नेशनल कांफ्रेंस के फिरोज खान लद्दाख ऑटोनॉमस हिल
डेवलपमेंट कौंसिल, करगिल का नेतृत्व कर
रहे हैं, वहीं बीजेपी के अली चंदन अन्य चार कौंसलर में
से एक हैं, जो कि हिल कौंसिल में स्वास्थ्य, राजस्व, कृषि, वन, वन्यजीव, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और मृदा के विभाग देख रहे हैं।
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