पाकिस्तानी मीडिया में छह पेज का एक दस्तावेज प्रकाशित हुआ है, जो दरअसल ब्रिटेन की पुलिस के सामने दिया गया एक बयान है। इसमें मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट के वरिष्ठ नेता तारिक मीर ने स्वीकार किया है कि भारतीय खुफिया संगठन रॉ ने हमें पैसा दिया और हमारे कार्यकर्ताओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी। यह दस्तावेज आज के इंडियन एक्सप्रेस में भी छपा है। इस दस्तावेज को जारी करने वाले ने इसके काफी हिस्सों को छिपाकर केवल कुछ हिस्से ही जारी किए हैं। इतना समझ में आता है कि ये दस्तावेज़ पाकिस्तान सरकार के इशारे पर जारी हुए हैं। इसके दो-तीन दिन पहले बीबीसी टीवी और वैब पर एक खबर प्रसारित हुई थी, जिसमें इसी आशय की जानकारी थी। पाकिस्तानी मीडिया में इस दस्तावेज के अलावा बैंक एकाउंट वगैरह की जानकारी भी छपी है। जब तक इन बातों की पुष्टि नहीं होती, यह कहना मुश्किल है कि जानकारियाँ सही हैं या नहीं। अलबत्ता पाकिस्तान सरकार अपने देश में लोगों को यह समझाने में कामयाब हो रही है कि भारतीय खुफिया संगठन उनके यहाँ गड़बड़ी फैलाने के लिए सक्रिय है। इससे उसके दो काम हो रहे हैं। एक तो भारत बदनाम हो रहा है और दूसरे एमक्यूएम की साख गिर रही है। अभी तक पाकिस्तान के खुफिया अभियानों की जानकारी ज्यादातर मिलती थी। इस बार भारत के बारे में जानकारी सामने आई है। फिलहाल वह पुष्ट नहीं है, पर यह समझने की जरूरत है कि ये बातें इस वक्त क्यों सामने आईं और बीबीसी ने इसे क्यों उठाया, जबकि जानकारियाँ पाकिस्तान सरकार ने उपलब्ध कराईं। बाद में उन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई।