अंतरिक्ष की गतिविधियों पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों ने एकबार फिर से रेडियो इनर्जी की रहस्यमय भारी वर्षा को दर्ज किया है। इसका स्रोत हमारी आकाशगंगा के भीतर ही है। यह पहला मौका है, जब हमारी आकाशगंगा में ऐसा विस्फोट देखा गया है।
अंतरिक्ष में होने वाले फास्ट रेडियो बर्स्ट या एफआरबी आमतौर पर एक सेकेंड से भी छोटी अवधि में होते हैं, पर वे हमारे सूर्य से करोड़ों गुना ज्यादा ऊर्जा पैदा करते हैं। इतने विशाल ऊर्जा स्फोट के बावजूद यह पता नहीं लग पाता है कि उनका स्रोत क्या है।
चूंकि इसबार यह विस्फोट हमारी
पृथ्वी के अपेक्षाकृत निकट हुआ है, इसलिए संभव है कि उसके स्रोत पर से भी रहस्य का
परदा उठे। वैज्ञानिक अभी तक इन विस्फोटों के स्रोत का पता इसलिए नहीं लगा पाए हैं,
क्योंकि एक तो ये अचानक होते हैं, दूसरे बहुत कम समय के लिए होते हैं। तीसरे ये
काफी दूर की मंदाकिनियों में होते रहे हैं। उनके बारे में कई प्रकार की अवधारणाएं
हैं। मसलन बुझते सितारों से लेकर अंतरिक्ष में रहने वाले किसी बुद्धिमान प्राणी की
तकनीकी श्रेष्ठता के प्रदर्शन तक की परिकल्पनाएं हैं।
नए एफआरबी की खोज करने वाले वैज्ञानिकों
का एक अनुमान यह भी है कि यह किसी मैग्नेस्टार
या जबर्दस्त मैग्नेटिक फील्ड वाले सितारे से निकली ऊर्जा है। यह विस्फोट भी वैसा
ही है जैसा इसके पहले सुदूर मंदाकिनियों में देखा गया था।
इस विस्फोट को इस साल 27 अप्रेल को
दर्ज किया गया था। अंतरिक्ष शोधकर्ताओं के दो टेलिस्कोपों ने आकाशगंगा के दूसरे
छोर पर एक मैग्नेस्टार से एक्स-रे और गामा-रे का भारी उत्सर्जन दर्ज किया। उसके
बाद वैज्ञानिकों ने उत्तरी अमेरिका के दो टेलिस्कोपों से अंतरिक्ष के उस क्षेत्र
का निरीक्षण किया, तो उस विस्फोट को दर्ज किया, जिसका नाम एफआरबी 200428 रखा गया
है।
यह हमारी आकाशगंगा का पहला एफआरबी
है और पहली बार इसे मैग्नेस्टार से जोड़ा गया है। इस विस्फोट में रेडियो तरंगों के
अलावा अन्य प्रकार का उत्सर्जन भी हुए हैं। इस जानकारी से संबद्ध पेपर 4 नवंबर
2020 को वैज्ञानिक पत्रिका नेचर में प्रकाशित हुआ है। दुनिया में पहला एफआरबी 2007
में खोजा गया था।
इस वीडियो को भी देखें
https://www.youtube.com/watch?v=ejVNUMo5Nzw
No comments:
Post a Comment