'जिन्हें इमरजेंसी याद है वे वीसी शुक्ल को नहीं भूल सकते'
प्रमोद जोशी
वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
गुरुवार, 13 जून, 2013 को 18:58 IST तक के समाचार
जिस रोज़ माओवादी हमले में विद्या चरण शुक्ल के क्लिक करेंघायल होने की ख़बर मिली, काफी लोगों की पहली प्रतिक्रिया थी, कौन से वीसी शुक्ल इमरजेंसी वाले. वीसी शुक्ल पर इमरजेंसी का जो दाग लगा वह कभी मिट नहीं सका.
विद्याचरण शुक्ल मध्यप्रदेश के ताकतवर राजनेताओं में गिने जाते थे. उनके परिवार की ताकत और सम्मान का लाभ उन्हें मिला, पर उन्हें जिस बात के लिए याद रखा जाएगा वो ये कि वो ज्यादातर सत्ता के साथ रहे. ख़ासतौर से जीतने वाले के साथ.
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इमरजेंसी के बाद शाह आयोग की सुनवाई के दौरान चार नाम सबसे ज्यादा ख़बरों में थे. इंदिरा गांधी, संजय गांधी, वीसी शुक्ल और बंसी लाल. इमरजेंसी के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा और सज़ा भी मिली, पर इमरजेंसी ने ही उन्हें बड़े कद का राजनेता बनाया.
क्लिक करेंवीसी शुक्ल का राजनीतिक जीवन शानदार रहा. उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि शानदार थी. वे देश के सबसे कम उम्र के सांसदों में से एक थे. 28 साल की उम्र में वे लोकसभा के सदस्य बने, राजसी ठाठ से जुड़े 'विलासों' के प्रेमी.