साँची के स्तूप में अंकित मल्ल महाजनपद की राजधानी कुशीनगर। इतिहासकार मानते हैं कि गौतम बुद्ध के समय में मल्ल क्षेत्र में दुनिया की पहली गणतांत्रिक व्यवस्था थी
इस साल गणतंत्र दिवस परेड में देश की सांस्कृतिक विरासत और विविधता को एक नए रूप में पेश किया गया. परेड की मुख्य थीम थी, ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका.’ यह परेड महिला केंद्रित भी थी.
पहली बार इस परेड के आगे सैनिक बैंड के बजाय
100 महिला कलाकार भारतीय वाद्ययंत्रों के संगीत की खुशबू बिखेरती हुई चल रही थीं और शेष
परेड उनके पीछे थी.
इसके पहले सैनिक टुकड़ियों का नेतृत्व करती
महिला अधिकारी आपने देखी हैं, पर इसबार तीनों सेनाओं की 144 महिला कर्मियों की मिली
जुली टुकड़ी भी इस परेड में थी.
लोकतंत्र की जननी
यह परेड भारत को 'लोकतंत्र
की जननी' के रूप में प्रदर्शित करने का प्रतीक बनेगी. लोकतंत्र
अपेक्षाकृत आधुनिक विचार है, और उसका काफी श्रेय पश्चिमी समाज के दिया जाता है.
हालांकि उसके विकास में उन समाजों की भी भूमिका है, जो अतीत में उन मूल्यों से
जुड़े थे, जो आज लोकतंत्र की बुनियाद हैं.
हम गर्व से कहते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत में है. हर पाँच साल में होने वाला आम चुनाव दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक गतिविधि है. चुनावों की निरंतरता और सत्ता के निर्बाध-हस्तांतरण ने हमारी सफलता की कहानी भी लिखी है.
















