शीना
बोरा हत्याकांड को आप कई तरीकों से देख सकते हैं। इंद्राणी मुखर्जी के व्यक्तिगत
रिश्तों से जुड़ी बातें लोगों का ध्यान सबसे ज्यादा खींच रही हैं। जबकि सबसे कम
ध्यान उनपर जाना चाहिए। यह उनका व्यक्तिगत मामला है और इसे उछालने का हमें अधिकार
नहीं है। यह केस एक सम्भावित हत्या तक केंद्रित हो तो इसका उस स्तर का महत्व है भी
नहीं जितना दिखाया जा रहा है। पर इस सिलसिले में दो और बातें महत्वपूर्ण हैं। एक
इस मामले की मीडिया कवरेज। दूसरे इस प्रकरण से जुड़े कारोबारी प्रसंग। इन दोनों को
जोड़कर देखा जाए तो यह कहानी हमारी नई संस्कृति की पोल खोलती है।
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Monday, September 7, 2015
Thursday, September 3, 2015
इस गलीज संस्कृति के खतरे
अकल्पनीय
मानवीय रिश्तों की कहानियाँ गढ़ना फिल्म निर्माता महेश भट्ट का शौक है. उनमें
कल्पनाशीलता का पुट होता है, यानी जो नहीं है फिर भी रोचक है. पर हाल में शीना
हत्याकांड की खबर सुनने के बाद वे भी विस्मय में पड़ गए. उनका कहना है, मैं तकरीबन
इसी प्लॉट पर कहानी तैयार कर रहा था. उसका शीर्षक है ‘अब रात गुजरने वाली है.’ अक्सर फिल्मी कहानियां जिंदगी के पीछे
चलती हैं, परंतु
इस मामले में घटनाक्रम कहानी से आगे चल रहा है.
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