फ्लिपकार्ट की ‘बिग-बैंग’ सेल के बाद भारत के ई-रिटेल को लेकर कई
बातें रोशनी में आईं हैं। इसकी अच्छाइयों और बुराइयों के किस्से सामने हैं, कई
पेचीदगियों ने सिर उठाया है और सम्भावनाओं का नया आसमान खुला है। इस नए बाज़ार ने व्यापार
कानूनों के छिद्रों की ओर भी इशारा किया है। यह बाज़ार इंटरनेट के सहारे है जिसकी पहली
पायदान पर ही हम खड़े हैं। ‘बिग बिलियन डे’ की सेल ने नए मायावी संसार की झलक
भारतवासियों को दिखाई साथ ही फ्लिपकार्ट की प्रबंध क्षमता और तकनीकी प्रबंध पर
सवाल भी उठाए। इसके लिए उसके सह-संस्थापकों सचिन बंसल और बिनी बंसल ने फौरन अपने
ग्राहकों से माफी माँगी। उनकी असली परीक्षा अब अगले कुछ दिनों में होगी।
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Saturday, October 11, 2014
Thursday, October 9, 2014
अब खुल रहा है ई-बाज़ार...
पिछले एक हफ्ते की गतिविधियों को देखते हुए शायद ‘दिनकर’ की पंक्तियों
को कुछ संशोधित करके इस तरह कहने की घड़ी आ रही है, ‘सेनानी
करो प्रयाण अभय, सायबर आकाश तुम्हारा है.’ चीन की ई-कॉमर्स
वेबसाइट अलीबाबा न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो गयी. उसके संस्थापक और
कार्यकारी अध्यक्ष जैक मा 21 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के सबसे अमीर
लोगों में से एक बन गए. नौजवानों को स्टीव जॉब्स, जुकेनबर्ग और बिल गेट्स जैसा एक
और रोल मॉडल मिल गया है. उधर भारत में सबसे बड़े ई-रिटेल ग्रुप फ्लिपकार्ट ने अपनी
बंपर सेल के 'बिग बिलियन डे' को बिगबैंग के अंदाज़ में मनाया. यह अलग बात है कि कुछ
नासमझी, कुछ अनुभवहीनता और कुछ तकनीकी सीमाओं ने फ्लिपकार्ट को ‘फ्लॉपकार्ट’ बनाने में
देर नहीं की और सोशल मीडिया ने उसका जमकर मज़ाक उड़ाया.
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