महामारी के कारण यह साल अपने आप वैश्विक स्वास्थ्य-चेतना वर्ष बन गया है। पर वैश्विक स्वास्थ्य-नीतियों का इस दौरान पर्दाफाश हुआ है। पिछले एक हफ्ते में स्वास्थ्य से जुड़ी तीन बड़ी खबरें हैं। गत 12 दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) जारी किया, जिसके अनुसार बाल पोषण के संकेतक उत्साहवर्धक नहीं हैं। बच्चों की शारीरिक विकास अवरुद्धता में बड़ा सुधार नहीं है और 13 राज्यों मे आधे से ज्यादा बच्चे और महिलाएं रक्ताल्पता से पीड़ित हैं।
इस रिपोर्ट पर बात हो ही रही थी कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के एक पीठ ने स्वास्थ्य को नागरिक का मौलिक अधिकार मानते हुए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश सरकार को दिए हैं। तीसरी खबर यह है कि भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या एक करोड़ पार कर गई है। अमेरिका के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है, जहाँ एक करोड़ से ज्यादा कोरोना-पीड़ित हैं।