बांग्लादेश में उस्मान हादी और एक हिंदू युवक की हत्या के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव फिर बढ़ गया है. ढाका में भारतीय उच्चायोग और देश के दूसरे हिस्सों में भारत से जुड़ी संस्थाओं और व्यक्तियों को धमकियों का सामना करना पड़ रहा है.
गुरुवार को
मैमनसिंह ज़िले के भालुका में धर्म का 'अपमान' करने के आरोप में भीड़ ने एक हिंदू युवक दीपू
चंद्र दास को पीट-पीटकर मार डाला था. भालुका पुलिस स्टेशन के ड्यूटी ऑफिसर ने
बीबीसी बांग्ला को बताया था कि युवक को
मार डालने के बाद उसके शव को एक पेड़ से बाँधकर आग लगा दी गई थी.
युवक की हत्या
और उसे जलाने की घटना के विरोध में दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के सामने हुए
प्रदर्शन पर बांग्लादेश ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है, जबकि भारत के विदेश विभाग का
कहना है कि 20-25 लोगों के उस प्रदर्शन में ऐसा कुछ नहीं था, जिसे तूल दिया जाए. इन घटनाओं के वीडियो और तस्वीरें सार्वजनिक रूप से मौजूद हैं और इन्हें कोई
भी देख सकता है.
भारत की चिंता
इस आशंका से और भी ज्यादा है कि हिंसा के बहाने फरवरी में होने वाले चुनावों को
टाल न दिया जाए. अगले साल अप्रैल-मई में पश्चिम बंगाल में भी चुनाव होने वाले हैं.
इस हिंसा का असर हमारी घरेलू राजनीति पर भी पड़ सकता है.
हादी की
हत्या
नवीनतम हिंसा
की वजह है इंकलाब मंच के नेता 32 वर्षीय शरीफ उस्मान हादी की 12 दिसंबर को गोली
मारकर हुई हत्या. उनकी प्रसिद्धि आक्रामक भारत-विरोधी छात्र नेता के रूप में थी.
बांग्लादेश सरकार ने भावनात्मक आवेग का लाभ उठाते हुए न केवल उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया, देश में राष्ट्रीय शोक भी घोषित किया.
