पाकिस्तान में अगले महीने से कॉमिक्स उपन्यास का एक ऐसा चरित्र सामने आने वाला है, जिसे लेकर अंदेशा है कि वहाँ के कट्टरपंथियों का तीखी प्रतिक्रिया होगी। यह पात्र है नसरीन का। 27 साल की नसरीन कॉलेज जाने वाली किसी आम लड़की है। वह कराची की रहने वाली है। कराची की हिंसा की कहानियाँ दूर-दूर तक फैसी है। ऐसा शहर जो जातीय हिंसा का शिकार है। जहां गरीब और कमजोर को इंसाफ नहीं मिलता और रोजाना दर्जनों खून होते हैं। नसरीन एक हाथ में तलवार रखती है तो दूसरे में पिस्तौल। निशाने पर होते हैं आतंकी, ड्रग माफिया और भ्रष्ट लोग। जिन्हें वह बेहद फुर्ती के साथ खत्म करती है। हाल में दैनिक भास्कर ने नसरीन के बारे में एक समाचार कथा प्रकाशित की है। लाहौर के रहने वाले कलाकार शाहन जैदी ने बनाया है यह नसरीन का किरदार। यह इसी अक्टूबर में कॉमिक्स के रूप में बाजार में जाएगा। फिर टीवी और यूट्यूब पर सीरीज़। शाहन का कहना है कि कराची में जो कुछ हो रहा है उसमें कमजोरों को ताकतवरों से बचाने की कल्पना ही की जा सकती है। मैंने एक ऐसा कैरेक्टर तैयार किया है जो यह समझती है कि इज्जत की रोटी और इज्जत की जिंदगी पर गरीबों और कमजोरों का भी हक है।
लेकिन इस किरदार से मुल्क के कट्टरपंथी अभी से खफा हैं। सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें होने लगी हैं। नसरीन चुस्त और टाइट लिबास जो पहनती है। सवाल उठाया जा रहा है कि वह दुपट्टा क्यों नहीं पहनती? उसके हाथ में सिगरेट है। वो मोटरसाइकिल चलाती है और उसने पियरसिंग भी करवाई है। यानी वह हर ऐसा काम करती है, जिसकी पाकिस्तानी मुस्लिम समाज में लड़कियों से उम्मीद नहीं की जाती।
अच्छी बात यह है कि पाकिस्तान में तालिबान ने औरतों की जिंदगी जिस तरह से मुश्किल बना दी है उसका नसरीन जैसा फिक्शनल कैरेक्टर ही जवाब है। शाहन कहते हैं हमें आनेवाली पाकिस्तानी नस्ल को महफूज बनाना है। जहां लड़कियां, लड़के, मर्द, औरतें एकसाथ खुश रह सकें।
पाकिस्तान में इससे पहले पिछले साल बुर्का अवेंजर नाम से एक टीवी सीरियल भी चला जिसमें जिया नाम की एक साधारण सी लड़की बुर्का पहने सुपरहीरोइन बन जाती है और अपराधियों को सजा देती है। उसे तख्त कबड्डी नाम की मार्शल आर्ट में महारत हासिल है। टाइम मैगज़ीन ने बुर्का अवेंजर को सन 2013 के सबसे प्रभावशाली काल्पनिक चरित्रों में एक बताया था।