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Wednesday, December 18, 2019

किसने हाईजैक किया इस छात्र आंदोलन को?


नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में जब पूर्वोत्तर का आंदोलन थमने लगा था, दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों का आंदोलन अचानक शुरू हुआ और उसने देशभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है. यह आंदोलन अब देश के दूसरे इलाकों में भी शुरू हो गया है. आंदोलन से जुड़ी, जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनसे इसके दो पहलू उजागर हुए हैं. पहला है कि आगजनी और हिंसा का और दूसरा है पुलिस की  कठोर कार्रवाई का. इस मामले ने भी सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी है. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तो तैयार है, पर चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने हिंसा को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि हिंसा रुकने पर ही सुनवाई होगी.

छात्रों का कहना है कि हिंसा हमने नहीं की है, बल्कि बाहरी लोग हैं. कौन हैं बाहरी लोग? वे कहाँ से आए हैं और विश्वविद्यालय में उनकी दिलचस्पी क्यों है? लोकतांत्रिक व्यवस्था में शांतिपूर्ण विरोध हमारा सांविधानिक अधिकार है, पर इस अधिकार का इस्तेमाल सांविधानिक तरीके से ही होना चाहिए. सार्वजनिक परिवहन से जुड़ी बसों और निजी वाहनों को आग लगाना कहाँ का विरोध प्रदर्शन है? उधर ममता बनर्जी कोलकाता में प्रदर्शन कर रहीं हैं. उनके पास भी इस बात की जवाब नहीं है कि ट्रेनों में आग लगाने का काम कौन लोग कर रहे हैं? रेल की पटरियाँ कौन उखाड़ रहा है?  दिल्ली से खबरें मिल रही हैं कि जामिया का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से ही शुरू हुआ था, पर अचानक यह हिंसक हो गया. किसी ने इसे हाईजैक कर लिया. किसने हाईजैक कर लिया और क्यों?

Tuesday, December 17, 2019

क्या पुलिस को विवि कैम्पस में प्रवेश का अधिकार है?


नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में जब पूर्वोत्तर का आंदोलन थमने लगा था, दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों का आंदोलन अचानक शुरू हुआ और उसने देशभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है. यह आंदोलन अब देश के दूसरे इलाकों में भी शुरू हो गया है. रविवार को दिल्ली में कम से कम चार बसें, एक दर्जन कारें और दर्जनों बाइकें स्वाहा होने के बाद सवाल उठे हैं. मंगलवार को दिल्ली के सीलमपुर इलाके में भी करीब-करीब इस हिंसा की पुनरावृत्ति हुई. क्या वजह है इस हिंसा की? सीलमपुर में प्रदर्शन क्यों हुआ? आंदोलन से जुड़ी, जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनसे इसके दो पहलू उजागर हुए हैं. पहला है कि आगजनी और हिंसा का और दूसरा है जामिया में पुलिस की कठोर कार्रवाई का. इस मामले ने भी सुप्रीम में दस्तक दी है. इंदिरा जयसिंह की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद बोबडे ने हिंसा को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि हिंसा रुकने पर ही सुनवाई होगी. वहाँ सुनवाई हुई भी है. दिक्कत यह है कि एक पक्ष केवल छात्र आंदोलन पर बात करना चाहता है, तो दूसरा पक्ष केवल हिंसा पर. क्या दोनों बातों पर एकसाथ बात नहीं होनी चाहिए?