Showing posts with label भाजपा के घोटाले. Show all posts
Showing posts with label भाजपा के घोटाले. Show all posts

Wednesday, July 8, 2015

इस मौके का कितना फायदा उठा पाएगी कांग्रेस?

भाजपा को घेरने में कांग्रेस सफल हो पाएगी ?

  • 2 घंटे पहले
नरेंद्र मोदी और सोनिया गांधी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापमं मामले की सीबीआई जाँच की माँग को मंज़ूर करके फ़िलहाल अपने ऊपर बढ़ते दबाव को कम कर दिया है.
इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलों के कम होने के बजाय बढ़ने के ही आसार हैं.
व्यापमं मामला हाई कोर्ट में है. मुख्यमंत्री ने अदालत को सीबीआई जांच के लिए पत्र लिखने की घोषणा की है.
इस हफ्ते यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी आएगा. राज्य सरकार वहाँ भी सीबीआई जाँच की माँग करेगी.

पढ़ें विस्तार से

null
ऐसा लग रहा है कि अचानक भाजपा के घोटालों की वर्षा होने लगी है. चार राज्यों के भाजपा मुखिया कांग्रेस के निशाने पर हैं.
इनमें शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और रमन सिंह पर सीधे आरोप हैं. वहीं महाराष्ट्र के देवेंद्र फड़नवीस को पंकजा मुंडे और विनोद तवाड़े के कारण घेरा गया है.
21 जुलाई से संसद का सत्र शुरू हो रहा है. सरकार के सामने भूमि अधिग्रहण और जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पास कराने की ज़िम्मेदारी है.
लेकिन लगता है कि घोटालों का शोर बड़ा होगा.

भाजपा का सूर्यास्त?

null
क्या भाजपा के पराभव और कांग्रेस के उदय का समय आ गया है? क्या इतने सुनहरे मौके का कांग्रेस फायदा उठाएगी?
भाजपा की गिरती छवि पर संशय नहीं, कांग्रेस की क़ाबलियत पर शक ज़रूर है. फ़िलहाल राज्यों के सहारे केंद्र सरकार पर दबाव बनाने में कांग्रेस पार्टी काफी हद तक सफल हुई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनमोहन सिंह से ज़्यादा मौन हैं, बल्कि विदेश यात्रा पर निकल गए हैं. दूसरी ओर सोनिया और राहुल सामने नहीं आते.
यह काम दिग्विजय सिंह, रणदीप सुरजेवाला, चिदम्बरम, सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया और जयराम रमेश वगैरह को सौंपा गया है.

खास मौकों पर सन्नाटा

null
क्या वजह है कि सोनिया, राहुल और प्रियंका महत्वपूर्ण मौकों पर नेपथ्य में चले जाते हैं? विश्व योग दिवस पर ये तीनों अज्ञातवास पर थे.
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में सोनिया, प्रियंका और राहुल को पार्टी पीछे रखती है. गरीबी, धर्म निरपेक्षता और पूँजीवाद के सैद्धांतिक प्रसंगों पर ही वे बोलते हैं.
वजह शायद यह है कि वे जैसे ही भाजपा के ‘भ्रष्टाचार’ शब्द का उच्चारण करते हैं, उनपर पलटवार होता है. इससे बचने की यह रणनीति है.
व्यापमं घोटाले को मध्य प्रदेश के गलियारों से निकाल कर दिल्ली तक लाने के अलावा भी कांग्रेस ने होमवर्क किया है.