युनाइटेड किंगडम के हाउस ऑफ लॉर्ड्स की आचरण समिति ने गत मंगलवार 17 नवंबर को एक रिपोर्ट अपने एक सदस्य लॉर्ड नज़ीर के बारे में प्रकाशित की, जिसमें सिफारिश की गई थी कि इस व्यक्ति को सदन की सदस्यता से बर्खास्त कर देना चाहिए। इस बर्खास्तगी से पहले ही लॉर्ड नज़ीर ने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और वे 14 नवंबर को सदस्यता से मुक्त हो चुके हैं। यह रिपोर्ट वस्तुतः लॉर्ड नज़ीर की कमिश्नर फॉर स्टैंडर्ड्स की एक जाँच रिपोर्ट के विरुद्ध याचिका को खारिज करते हुए दी गई थी। अब यह रिपोर्ट 19 नवंबर को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में पेश की जाएगी। यह पहला मौका है जब किसी हाउस ऑफ लॉर्ड्स के किसी सदस्य की बर्खास्तगी हुई हो।
ब्रिटेन में नज़ीर अहमद नाम का पाकिस्तानी मूल का यह नागरिक
बीस साल पहले हाउस ऑफ लॉर्ड्स का सदस्य बनाया गया था। ब्रिटेन में भारत-विरोधी
अभियानों का यह मुख्य संचालक था। सन 2019 में उसके खिलाफ एक शिकायत आई थी कि उसने सहायता
माँगने आई एक महिला का यौन शोषण किया। सन 2017 में ताहिरा ज़मां नामक एक महिला ने उनके
पास आकर माँग की थी कि एक मुस्लिम पीर या ओझा की जाँच कराई जाए, जो स्त्रियों के
लिए खतरनाक है।
ताहिरा ज़मां ने पिछले साल बीबीसी के कार्यक्रम न्यूज़नाइट में बताया था कि लॉर्ड नज़ीर ने मुझे बार-बार डिनर पर बुलाया और अंत में मैं इसके लिए तैयार हो गई। इसके बाद उसने मुझे पूर्वी लंदन स्थित अपने घर पर चलने को कहा। दोनों के बीच सहमति से सहवास भी हुआ, पर ताहिरा का कहना है कि मुझे मदद की जरूरत थी और इस आदमी ने इसका फायदा उठाया और अपने पद का गलत इस्तेमाल किया।
बीबीसी की उर्दू
सेवा के अनुसार लॉर्ड नज़ीर अहमद ने कहा है कि यह रिपोर्ट 'ग़ैर मुंसिफ़ाना तहक़ीक़ात का नतीजा है और वो उसे चैलेंज करेंगे। हाऊस
की ज़ाब्ता अख़लाक़ कमेटी की रिपोर्ट ताहिरा ज़मां की ओर से 2017 में दायर की शिकायत
पर मबनी है, जिसमें इल्ज़ाम आइद किया गया था कि लॉर्ड नज़ीर अहमद ने उनकी मजबूरी
का फ़ायदा उठा कर उनके साथ जिन्सी ताल्लुक़ात क़ायम किए थे। ताहिरा ज़मां ने हाउस ऑफ़
लॉर्डस की ज़ाब्ता अख़लाक़ कमेटी की रिपोर्ट पर 'ख़ुशी और 'इतमीनान का इज़हार किया है।
43 वर्षीय ताहिरा
ज़मां ने बीबीसी के हालात हाज़रा के प्रोग्राम न्यूज़ नाइट को बताया था कि 'मैं मदद की तलाश में थी लेकिन इन्होंने मजबूरी का फ़ायदा
उठाया और अपनी हैसियत का ग़लत इस्तेमाल किया।' ताहिरा ज़मान का
कहना था कि इन्होंने लॉर्ड नज़ीर से इस उम्मीद पर राबिता किया था कि वो पुलिस को
कह कर एक ऐसे मुसलमान पीर के ख़िलाफ़ तफ़तीश में मदद करेंगे जो उनके बक़ौल ख़वातीन के
लिए ख़तरनाक हो सकते थे।
ताहिरा ज़मां का
कहना था कि लॉर्ड नज़ीर अहमद ने मेट्रोपोलिटन पुलिस के कमिश्नर को 2 मार्च 2017 को
एक ख़त लिखा कि वो फरवरी 2017 मैं मशरिक़ी लंदन के एक रेस्त्रां में लॉर्ड नज़ीर
अहमद से इस मामले के बारे में बात करने की ग़रज़ से मिली थीं। उन्होंने इल्जाम आइद
किया कि डिनर के बाद लॉर्ड नज़ीर अहमद ने नामुनासिब अंदाज़ में उनकी टांग के ऊपर
वाले हिस्से को छूना शुरू कर दिया। वो इस रवैये से हैरान रह गई थीं और उन्होंने उसके
बाद उनसे राबिता ख़त्म कर दिया था।
ताहिरा ज़मां के
मुताबिक़ इन्होंने एक दोस्त के कहने पर इसी साल 14 जुलाई को एक-बार फिर लॉर्ड नज़ीर
से ये पूछने की ग़रज़ से राबिता किया कि क्या पुलिस की जानिब से उनकी शिकायत पर कोई
जवाब मौसूल हुआ है। इसके जवाब में लार्ड नज़ीर ने जवाब दिया कि पुलिस का उनसे
राबिता हुआ है और इन्होंने इस मुआमले पर बात करने के लिए ताहिरा को मशरिक़ी लंदन
में अपनी रिहायश गाह पर बुलाया।
ताहिरा ने न्यूज़
नाइट को बताया था कि लॉर्ड नज़ीर ने उनसे कहा था कि वो ख़ूबसूरत ख़ातून हैं। इस के
बाद सितंबर 2017 की इसी शाम दोनों ने हमबिस्तरी की। कमिश्नर फ़ॉर स्टैंडर्डस ने इस
बयान से ये नतीजा निकाला 'मेरे ख़्याल में इस का
ग़ालिब इमकान है कि ताहिरा ज़मां लार्ड नज़ीर अहमद की दावत पर उनके घर इस मुक़द्दमे
के हवाले से पुलिस के साथ मुलाक़ात की पेशकश पर बात करने के लिए गई थीं। ताहम उनकी
नीयत उनकी शिकायत पुलिस तक पहुंचाने की नहीं थी और उन्हें घर बुलाने की नीयत ग़लत
थी।
इसके बाद भी लॉर्ड
नज़ीर का उनसे मिलने-जुलने का सिलसिला जारी रहा और मिसेज़ ज़मां को महसूस हुआ कि
उनका लॉर्ड नज़ीर अहमद से ताल्लुक़ करीबी हो रहा है। वे एक दूसरे को अक्सर पैग़ामात
भेजते रहते थे। वे लॉर्ड नज़ीर अहमद से उनके घर में मिलती रहीं और दोनों ने कई बार
हमबिस्तरी की। लेकिन दो माह बाद लॉर्ड नज़ीर अहमद ने उन्हें बताया दिया कि वो अपनी
बीवी को नहीं छोड़ेंगे, जिसके बाद से उनका ताल्लुक़ ख़त्म हो गया। ताहिरा ज़मां का
मज़ीद कहना था कि उन्हें लगता है कि लार्ड नज़ीर ने उनकी मजबूरी का फ़ायदा उठाया
क्योंकि वो उस वक़्त ज़हनी दबाव और इज़तिराब का शिकार थीं।
उन्होंने जनवरी
में हाउस ऑफ़ लार्डस में शिकायत की, लेकिन जब कमिश्नर फ़ॉर स्टैंडर्ड ने उन्हें बताया कि उनकी शिकायत
पर कोई कार्रवाई इसलिए नहीं हो सकती क्योंकि इस शिकायत का ताल्लुक़ सदस्य संसदीय
कार्य से नहीं है, तो उन्होंने न्यूज़ नाइट से राबिता किया। बीबीसी
के इस प्रोग्राम ने जब तहक़ीक़ात शुरू की तो बीबीसी पर फ़िल्म चलने के दस हफ़्ते के
बाद हाउस ऑफ़ लार्डस ने आचरण की परिभाषा से जुड़ी अपनी शब्दावली को बदला। शिकायत
फिर दर्ज की गई और परिणाम बदल गए।
कौन है लॉर्ड नज़ीर
नज़ीर अहमद का जन्म पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हुआ था। वे
बचपन में ही ब्रिटेन चले गए थे और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के पहले मुस्लिम सदस्य बने, जो आजीवन होता है। उनका बेहतर पहचान यह है कि वे ब्रिटेन में रहकर पाकिस्तानी एजेंट
की भूमिका निभाते रहे हैं। उन्हें सन 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की सिफारिश पर लॉर्ड सभा की सदस्यता दी गई थी। सन 2018 में उन्होंने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के
सामने प्रदर्शन आयोजित कराया था, जिसमें कहा गया था कि भारत में अल्पसंख्यक
असुरक्षित हैं। वे खालिस्तानी समूहों के भी समर्थक हैं।
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