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Friday, December 3, 2021

यूरोप में भयावह लहर, फिर भी कोविड-पाबंदियों का विरोध


कोरोना वायरस ने एक बार फिर यूरोप में कहर मचाना शुरू कर दिया है। ज्यादातर देशों ने कोविड-पाबंदियों को सख्ती से लागू करना शुरू किया है, जिनका विरोध हो रहा है। पाबंदियों का विरोध ही नहीं वैक्सीनेशन का विरोध भी हो रहा है। ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में 40,000 ऐसे लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया है, जिन्होंने टीके नहीं लगवाए। उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूरोप और मध्य एशिया के 53 देशों को चेतावनी दी है कि इन दो इलाकों में कोविड-19 से फरवरी तक पाँच लाख मौतें हो सकती हैं। संक्रमण की वजह से हो रही मौतों में से करीब आधी यूरोप के देशों में हैं। यूरोप में एक हफ्ते में 20 लाख से ज्यादा नए केस मिल रहे हैं।

टीके की अनिवार्यता

इस लहर की भयावहता को देखते हुए संभवतः ऑस्ट्रिया अगले साल फरवरी से पहला देश बनेगा, जहाँ टीका लगवाना कानूनन अनिवार्य किया जा सकता है। शुक्रवार 19 नवंबर को सरकार ने इस आशय की घोषणा की। इस घोषणा के बाद राजधानी वियना में हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के यूरोप में रीजनल डायरेक्टर डॉ हैंस क्लूग का कहना है कि कानूनन वैक्सीनेशन को अनिवार्य बनाना अंतिम उपाय होना चाहिए। अलबत्ता इस विषय पर समाज में व्यापक विचार-विमर्श होना चाहिए।

डॉ क्लूग का कहना है कि मास्क पहनने से संक्रमण को काफी हद तक रोका जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सर्दी का मौसम, टीकाकरण में कमी और बहुत तेजी से फैलने वाले डेल्टा वेरिएंट की उपस्थिति के कारण यूरोप पर खतरा बढ़ा है। यूरोप और मध्य एशिया के देशों में अब तक करीब 14 लाख लोगों की मौतें इस महामारी से हो चुकी हैं। अब यूरोप और मध्य एशिया के देशों में सर्दी शुरू होने के कारण बीमारी के बढ़ने का अंदेशा पैदा हो गया है। पूर्वी यूरोप के देशों में हालात खासतौर से ज्यादा खराब हैं। रोमानिया, एस्तोनिया, लात्विया और लिथुआनिया जैसे देशों में स्थिति खराब है।

लॉकडाउन

ऑस्ट्रिया ने सोमवार 22 नवंबर से देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया। लॉकडाउन अधिकतम 20 दिन तक चलेगा, हालांकि 10 दिन के बाद इसपर पुनर्विचार किया जाएगा। इस दौरान लोगों के अनावश्यक रूप से बाहर जाने पर रोक होगी, रेस्तरां तथा ज्यादातर दुकानें बंद रहेंगी और बड़े आयोजन रद्द रहेंगे। स्कूल और ‘डे-केयर सेंट’ खुले तो रहेंगे, लेकिन अभिभावकों को बच्चों को घर पर रखने की सलाह दी गई है।

इससे एक दिन पहले, रविवार को मध्य वियना के बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ी। यह भीड़ लॉकडाउन से पहले जरूरत की चीजों और क्रिसमस की खरीदारी के लिए भी थी। लोगों के मन में भविष्य को लेकर अनिश्चय है। देश के चांसलर अलेक्जेंडर शालेनबर्ग ने शुक्रवार को लॉकडाउन की घोषणा की थी। तब उन्होंने यह भी कहा था कि अगले वर्ष एक फरवरी से यहां लोगों के लिए टीकाकरण अनिवार्य किया जा सकता है।

ऑस्ट्रिया ने शुरू में केवल उन लोगों के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की शुरुआत की थी, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, लेकिन संक्रमण के मामले बढ़ने पर सरकार ने सभी के लिए इसे लागू कर दिया। दो सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांत, सॉल्ज़बर्ग और ऊपरी ऑस्ट्रिया ने कहा कि वे अपने यहां लॉकडाउन की शुरुआत करेंगे, जिससे सरकार पर राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा करने का दबाव बढ़ेगा। नए प्रतिबंधों की घोषणा और अगले साल टीकों को अनिवार्य बनाने की योजना के बाद 10 हजार से ज्यादा लोगों ने ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में भी विरोध प्रदर्शन किया।