मोदी सरकार के ढाई साल पिछले महीने पूरे हो गए. अब ढाई साल बचे हैं. सन
2008-09 की वैश्विक मंदी के बाद से देश की अर्थ-व्यवस्था को पटरी पर वापस लौटाने
की कोशिशें चल रहीं हैं. यूपीए सरकार मनरेगा, शिक्षा के अधिकार और खाद्य सुरक्षा
जैसे लोक-लुभावन कार्यक्रमों के सहारे दस साल चल गई, पर भ्रष्टाचार के आरोप उसे ले
डूबे. मोदी सरकार ‘विकास’ के नाम पर सत्ता में आई है. अब उसका
मध्यांतर है, जब पूछा जा सकता है कि विकास की स्थिति क्या है?