Showing posts with label इंफ्रास्ट्र्क्चर. Show all posts
Showing posts with label इंफ्रास्ट्र्क्चर. Show all posts

Tuesday, December 7, 2021

रेल लाइनों का विद्युतीकरण: सात साल में नब्बे साल से भी ज्यादा काम


भारतीय रेलवे ने करीब दो साल तक महामारी के कारण आंशिक रूप से सेवाएं उपलब्ध कराने के बाद अब फिर से सामान्य सेवाएं शुरू कर दी हैं। महामारी के दौरान रेलवे की सामान्य सेवाएं भले ही बंद रही हों, पर उसके विस्तार का काम जारी रहा, जिसकी सबसे बड़ी मिसाल रेलमार्गों के विद्युतीकरण के रूप में सामने हैं। भारतीय रेलवे में विद्युतीकरण का काम 1925 में शुरू हुआ था। तब से अबतक 46 हजार किलोमीटर से ज्यादा लम्बे मार्गों का विद्युतीकरण हुआ, इसमें से करीब 25 हजार किलोमीटर काम पिछले सात साल में हुआ है।

जलवायु परिवर्तन को लेकर ग्लासगो में हुए कॉप-26 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के दो बड़े लक्ष्यों की घोषणा की है। इनमें पहला है 2017 तक नेट-जीरो की प्राप्ति और 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं में से 50 फीसदी के लिए अक्षय ऊर्जा का सहारा। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए फौरी तौर पर हर साल 6 करोड़ टन उत्सर्जन में कमी करनी होगी। इसका मतलब है कि हमें कोयले तथा जीवाश्म आधारित पेट्रोलियम के औद्योगिक इस्तेमाल को लगातार कम करते हुए शून्य स्तर पर लाना होगा।

रिकॉर्ड विद्युतीकरण

इस कार्य में एक बड़ी भूमिका रेलवे की है, जिसने इस दिशा में जबर्दस्त पहल की है। रेल-विद्युतीकरण का सबसे बड़ा लाभ है, पेट्रोलियम आयात पर निर्भरता का कम होना और साथ ही साथ कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी होना। इस दौरान रेलवे ने कुछ नई व्यवस्थाएं की हैं और सेवाओं को सुचारु बनाने के नए प्रबंध किए हैं, पर सबसे महत्वपूर्ण है रिकॉर्ड विद्युतीकरण किया। वर्ष 2020-21 में रेलवे 6,015 किलोमीटर रेलमार्गों का विद्युतीकरण किया, जो किसी भी एक साल के लिए रिकॉर्ड है। इसके पहले किसी एक साल में सबसे ज्यादा विद्युतीकरण 2018-19 में हुआ था, 5,276 रूट किलोमीटर। 

Tuesday, January 7, 2020

देश के भव्य रूपांतरण की महत्वाकांक्षी परियोजना



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में आधारभूत संरचना पर 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही थी. इसके बाद एक कार्यबल बनाया गया था, जिसने 102 लाख करोड़ की परियोजनाओं की पहचान की है. नए साल पर अब केंद्र सरकार ने अब इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की है. यह परियोजना न केवल देश की शक्ल बदलेगी, बल्कि सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति भी प्रदान करेगी. मंगलवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) की घोषणा की, जिसके तहत अगले पांच साल में 102 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा.
ये परियोजनाएं ऊर्जा, सड़क, रेलवे और नगरों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की हैं. इनमें से 42 फीसदी परियोजनाओं पर पहले से ही काम चल रहा है, 19 फीसदी विकास की स्थिति में और 31 फीसदी अवधारणा तैयार करने के स्टेज पर हैं. अच्छी बात यह है कि एनआईपी टास्क फोर्स ने एक-एक परियोजना की संभाव्यता जाँच की है और राज्यों के साथ उनपर विचार किया है. इस प्रकार एनआईपी अब भविष्य की एक खिड़की के रूप में काम करेगी, जहाँ से हम अपने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर नजर रख सकेंगे. समय-समय पर इसकी समीक्षा होती रहेगी, जिससे हम इसकी प्रगति या इसके सामने खड़ी दिक्कतों को देख पाएंगे. यानी कि यह केवल परियोजनाओं की सूची मात्र नहीं है, बल्कि उनकी प्रगति का सूचकांक भी है.