जयललिता
के निधन के बाद तमिलनाडु की राजनीति में पहला सवाल अद्रमुक की सत्ता-संरचना को
लेकर है। यानी कौन होगा उसका नेता? कैसे चलेगा उसका संगठन और सरकार?
फिलहाल ओ पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया गया है। सवाल है क्या वे
मुख्यमंत्री बने रहेंगे? पार्टी संगठन का सबसे बड़ा पद
महासचिव का है। अभी तक जयललिता महासचिव भी थीं। एमजीआर और जयललिता दोनों के पास
मुख्यमंत्री और महासचिव दोनों पद थे। अब क्या होगा?
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Saturday, December 10, 2016
Wednesday, December 7, 2016
गरीबनवाज़ जयललिता
जयललिता जयराम को जबर्दस्त
जुझारू और जीवट वाली राजनेता के रूप में याद किया जाएगा. उन्होंने सत्ता का भरपूर
इस्तेमाल किया, शानदार जीवन जिया, अपने विरोधियों का दमन किया और बड़े-बड़े
अप्रत्याशित फैसले किए. फिल्मों के ग्लैमरस संसार से आईं जयललिता को राजनीति में
प्रवेश करने के पहले कई प्रकार के अवरोधों, अपमानों और दुर्व्यवहारों का सामना भी करना
पड़ा. शायद उनके अप्रत्याशित व्यवहार के पीछे यह भी एक बड़ा कारण था. पर उनकी
गरीबनवाज़ छवि ने उनके सारे दोषों को धो दिया.
उनके ऐसे व्यक्तित्व को
विकसित करने में तमिलनाडु की विलक्षण व्यक्ति-पूजा का भी योगदान है. भारतीय
राजनीति में बड़े-बड़े कटआउटों की संस्कृति तमिलनाडु में ही विकसित हुई थी, जिसे
रोकने का काम भी दक्षिण से आए टीएन शेषन ने ही किया था. इस राज्य में जीवित समकालीन
नेताओं, फिल्मी सितारों और खिलाड़ियों के मंदिर बनते हैं. उनकी पूजा होती है. दक्षिण
की पुरुष-प्रधान राजनीति में जयललिता जैसा होना भी अचंभा है. उन्होंने साधारण
परिवार में जन्म लिया, कठिन परिस्थितियों का सामना किया और एक बार सत्ता की
सीढ़ियों पर चढ़ीं तो चढ़ती चली गईं.
Tuesday, December 6, 2016
बेहद अप्रत्याशित और अपने आप में अचंभा थीं जयललिता जयराम
जयललिता जयराम को आधुनिक लोकतंत्र के जबर्दस्त अंतर्विरोधी व्यक्तित्व और
भारतीय राजनीति की विस्मयकारी बातों के रूप में लंबे समय तक याद किया जाएगा. इसमे
दो राय नहीं कि वे जीवट वाली नेता रहीं हैं. यह भी सच है कि तमिलनाडु देश के सबसे
प्रगतिशील राज्यों में शामिल है. कार्य संस्कृति और उत्पादकता के मामले में दक्षिण
के इस राज्य का जवाब नहीं.
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