Monday, November 16, 2020

कांग्रेस के भविष्य पर फिर एक और सवाल


कांग्रेस का वरिष्ठ नेता सिब्बल ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, बिहार चुनाव और दूसरे राज्यों के उपचुनावों के हाल के प्रदर्शन पर कांग्रेस पार्टी (के शीर्ष नेतृत्व) के विचार अब तक सामने नहीं आए हैं। शायद उन्हें लगता है कि सब ठीक है और इसे सामान्य घटना ही माना जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान लिया है। और यह भी कहा कि लोग शायद अब कांग्रेस को बीजेपी का विकल्प मानते ही नहीं।  

इससे पहले बिहार कांग्रेस के बड़े नेता तारिक अनवर ने कहा था कि बिहार चुनाव परिणाम पर पार्टी में अंतर्मंथन होना चाहिए। इस दौरान आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने इशारों-इशारों में कहा कि कांग्रेस देशभर में अपने गठबंधन सहयोगियों पर बोझ बनती जा रही है। उसकी वजह से हर जगह गठबंधन का खेल खराब हो रहा है।

कपिल सिब्बल के पूरे इंटरव्यू को पढ़ें, तो उससे किसी झुंझलाए व्यक्ति की प्रतिक्रिया नहीं लगती है, पर इतना लगता है कि शायद पार्टी के भीतर उनका संवाद ज्यादा नहीं है। उनकी यह बात ध्यान देने वाली है कि जब विचार का कोई फोरम नहीं है, तब मैं अपनी बात सार्वजनिक रूप से कहने को बाध्य हूँ। उनकी बात से यह नहीं मान लिया जाना चाहिए कि पार्टी नेतृत्व अपनी उपलब्धियों या विफलताओं पर विचार नहीं करता, पर इतना जरूर लगता है कि नेतृत्व के स्तर पर भी पार्टी में या तो ध्रुवीकरण हो रहा है या कपिल सिब्बल जैसे लोग हाशिए हैं।

एक्सप्रेस के रिपोर्टर जीसी मनोज ने कपिल सिब्बल से सवाल किया था कि क्या आपको लगता है कि कांग्रेस लीडरशिप एक और हार को सामान्य घटना मान रही है? उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता। मैं सिर्फ अपनी बात कर रहा हूं। मैंने लीडरशिप को कुछ कहते नहीं सुना। इसलिए मुझे नहीं पता। मुझ तक सिर्फ नेतृत्व के इर्द-गिर्द के लोगों की आवाज पहुंचती है। मुझे सिर्फ इतना ही पता होता है।'

सिब्बल ने इससे पहले कहा कि बिहार ही नहीं, उपचुनावों रिजल्ट से भी ऐसा लग रहा है कि देश के लोग कांग्रेस पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं। उन्होंने कहा, बिहार में विकल्प तो आरजेडी ही है। गुजरात उपचुनाव में हमें एक सीट नहीं मिली। लोकसभा चुनाव में भी यही हाल रहा था। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कुछ सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को 2% से भी कम वोट आए। गुजरात में हमारे तीन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इसलिए दीवार पर इबारत लिखी हुई है।

उन्होंने तारिक अनवर के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि एक सहयोगी ने कांग्रेस के अंदर मंथन की उम्मीद जताई। अगर छह साल में कांग्रेस ने आत्ममंथन नहीं किया तो अब इसकी उम्मीद कैसे करें? हमें कांग्रेस की कमजोरियां पता है। हमें पता है सांगठनिक तौर पर क्या समस्या है। मुझे लगता है कि इसका समाधान भी सबको पता है। कांग्रेस पार्टी भी जानती है, लेकिन वो इन समाधान को अपनाने से कतराते हैं। अगर वे ऐसा करते रहेंगे को ग्राफ यों ही गिरता रहेगा। यह कांग्रेस की दुर्दशा की स्थिति है जिससे हम सब चिंतित हैं।'

सिब्बल से जब पूछा गया कि जब कांग्रेस को समाधान पता है तो शीर्ष नेतृत्व उसे अपनाने में हिचकता क्यों है? इसपर उन्होंने कहा, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सीडब्ल्यूसी के सदस्य नॉमिनेटेड हैं। सीडब्ल्यूसी को कांग्रेस पार्टी के संविधान के मुताबिक लोकतांत्रिक बनाना होगा। आप नामित सदस्यों से यह सवाल उठाने की उम्मीद नहीं कर सकते कि आखिर कांग्रेस पार्टी चुनाव दर चुनाव कमजोर क्यों होती जा रही है।

कपिल सिब्बल उन 23 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी और जिस पर अगस्त महीने में हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में बजाय विचार होने के चिट्ठी लिखने वालों पर हमले हे। उस दौरान यह बात भी सामने आई कि राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को बीजेपी का सहयोगी बताया।

इस पर सिब्बल ने ट्वीट किया, 'राहुल गांधी कह रहे हैं कि हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं, कांग्रेस पार्टी का बचाव करते हुए हम राजस्थान हाईकोर्ट में सफल हुए, मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को नीचे करते हुए कांग्रेस पार्टी को बचाया, पिछले 30 साल में किसी भी मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में एक भी बयान नहीं दिया, लेकिन, हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं।' हालांकि, बाद में उन्होंने यह कहते हुए अपना बयान वापस ले लिया कि इस मुद्दे पर शीर्ष नेतृत्व की तरफ से स्थिति स्पष्ट की गई और कहा गया कि राहुल ने ऐसा कुछ नहीं कहा।

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3 comments:

  1. नमस्कार, पूरी की पूरी समीक्षा ही बहुत बढ़‍िया की आपने आलोक जी, ब‍िहार चुनाव बाद तो स्थ‍ित‍ि और भी गहन व‍िचार मांग रही है परंतु फ‍िलहाल ऐसा लगता नहीं क‍ि कुछ सुधार आएगा...

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 18 नवंबर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. कांग्रेस बीजेपी की बी पार्टी है लगने लगा है।

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