19 सितम्बर के टाइम्स ऑफ इंडिया में अंदर के पेज पर शहरयार को ज्ञानपीठ पुरस्कार दिए जाने की तस्वीर छपी है। 20 के टाइम्स ऑफ इंडिया के पहले सफे पर लीड खबर के रूप में टाइम्स ऑफ इंडिया के सोशल इम्पैक्ट अवार्ड्स की खबर तमाम तस्वीरों के साथ छपी है। अंदर के पन्नों पर भी अच्छी कवरेज है। दोनों खबरों में कोई टकराव नहीं, पर खबर पेश करने के तरीके में अंतर है। ज्ञानपीठ पुरस्कार देने वाली संस्था भी टाइम्स ग्रुप से सम्बद्ध है। यह देश का सबसे बड़ा पुरस्कार है। एक ज़माने तक इस पुरस्कार की तस्वीरें टाइम्स ग्रुप के अखबारों में पहले सफे पर ही छपती थीं। मुझे लगता है अखबार से ज्यादा पाठकों के मन में अपने साहित्य और संस्कृति से अनुराग कम हुआ है।