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Monday, October 31, 2011

फॉर्मूला रेस कुशलता की प्रतीक ज़रूर है, पर इसकी राष्ट्रीय प्रश्नों से विसंगति है

अक्सर स्पोर्ट्स चैनलों पर आपने देखी होंगी विशेष ट्रैकों पर दौड़ती एक सीट की कारें। ये कारें खासतौर से बनाई जाती हैं। दुनियाभर के अलग-अलग सर्किटों पर ये कार रेस होती हैं। इन्हें ग्रां-प्रि या अंग्रेज़ी में ग्रैंड प्राइज़ (जीपी) रेस कहते हैं। उनके रिज़ल्ट जोड़कर दो वार्षिक चैम्पियनशिप होती हैं। एक ड्राइवरों के लिए और दूसरी कंस्ट्रक्टर्स के लिए। कंस्ट्रक्टर यानी इंजन, पहिए, चैसिस वगैरह जोड़कर खास तरह की कार बनाने वाले। ये कारें 360 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार से दौड़ती हैं। इन रेसों को दुनियाभर में देखा जाता है। सन 2010 के सीज़न में 52 करोड़ 70 लाख दर्शकों ने टीवी पर इन रेसों को देखा।