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Wednesday, July 29, 2015

कैसा होगा टेक्नोट्रॉनिक दौर का युद्ध?

युद्ध की अनुपस्थिति माने शांति. दुनिया में पहले शांति आई या युद्ध? पहले शांति थी और बाद में युद्ध शुरू हुए तो क्यों? युद्ध क्यों होते हैं? क्या हथियारों और सेना की वजह से लड़ाइयाँ होती हैं? इन्हें खत्म कर दिया जाए तो क्या अमन-चैन कायम हो जाएगा? ऐसा नहीं है. जब से दुनिया बनी है इंसान युद्ध कर रहा है. उसे अपनी खुशहाली के लिए भी युद्ध करना पड़ता है, शांति के लिए भी.

लड़ाई की विनाशकारी प्रवृत्तियों के बावजूद तीसरे विश्व-युद्ध का खतरा हमेशा बना रहेगा. अमेरिकी लेखक पीटर सिंगर और ऑगस्ट के ताजा नॉवेल ‘द गोस्ट फ्लीट’ का विषय तीसरा विश्व-युद्ध है, जिसमें अमेरिका, चीन और रूस की हिस्सेदारी होगी. उपन्यास के कथाक्रम से ज्यादा रोचक है उस तकनीक का वर्णन जो इस युद्ध में काम आई. यह उपन्यास भविष्य के युद्ध की झलक दिखाता है. आने वाले वक्त की लड़ाई में शामिल सारे योद्धा परम्परागत फौजियों जैसे वर्दीधारी नहीं होंगे. काफी लोग कम्प्यूटर कंसोल के पीछे बैठकर काम करेंगे. काफी लोग नागरिकों के भेस में होंगे, पर छापामार सैनिकों की तरह महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमला करके नागरिकों के बीच मिल जाएंगे. काफी लोग ऐसे होंगे जो अराजकता का फायदा उठाकर अपने हितों को पूरा करेंगे.

Thursday, July 22, 2010

फेसबुक मे पचास करोड़वाँ सदस्य

फेसबुक में पचास करोड़वें सदस्य के शामिल होते ही उत्साह की लहर है। फेसबुक बड़ी कम्पनी है। उसके पास डेटा का भंडार है। सारी दुनिया की कम्पनियाँ अब समझना चाहती हैं कि फेसबुक के डेटा का फायदा किस तरह उठाया जाय। फेसबुक ने कई तरह के एप्लीकेशंस को विकसित करने में मदद की है। इनमें ज्यादातर गेम्स के हैं। 


भारतीय संदर्भ में फेसबुक पर भारतीय राजनीति, जातिप्रथा, हंस के कार्यालय में विश्वरंजन और अरुंधती रॉय के बीच संवाद की संभावना से लेकर विश्व कप और शराब कैसे पिएं जैसे मसलों पर पर रोचक विमर्श चलने लगे हैं। शेरो-शायरी, जोक्स और फैक्टॉइड्स शेयर करने का बेहतर मौका मिलता है यहाँ। यहाँ पता लगता है कि हमारे बीच कितने अच्छे फोटोग्राफर मौजूद हैं। बहुत सी बातें पहले से सोचकर हुईं और बहुत सी बातें अनजाने हो रहीं हैं। 


हमारे मीडिया ने अभी फेसबुक की लोकप्रियता पर ध्यान नहीं दिया है।