दिल्ली रेप कांड को केवल रेप तक सीमित करने से इसके अनेक पहलुओं की ओर से ध्यान हट जाता है। यह मामला केवल रेप का नहीं है। कम से कम जैसा पश्चिमी देशों में रेप का मतलब है। हाल में एक रपट में पढ़ने को मिला कि पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में रेप कम है। पर उस डेटा को ध्यान से पढ़ें तो यह तथ्य सामने आता है कि रिपोर्टेड केस कम हैं। यानी शिकायतें कम हैं। दूसरे पश्चिम में सहमति और असहमति के सवाल हैं। वहाँ स्त्री की असहमति और उसकी रिपोर्ट बलात्कार है।हमारे यहाँ के कानून कितने ही कड़े हों, एक तो उनका विवेचन ठीक से नहीं हो पाता, दूसरे पीड़ित स्त्री अपने पक्ष को सामने ला ही नहीं पाती। इसका कारण यह है कि हमारे देश में स्त्रियाँ पश्चिमी स्त्रियों की तुलना में कमज़ोर हैं। इसके अलावा हमारी पुलिस और न्याय व्यवस्था स्त्रियों के प्रति सामंती दृष्टिकोण रखती है। रेप का मतलब उनके जीवन को तबाह मानती है, उन्हें ठीक से रहने का प्रवचन देती है वगैरह।