भारत की ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ को देश के नए
नेतृत्व ने ‘एक्ट ईस्ट’ का एक नया रंग
दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर हैं, जहाँ
एक और भारत-ऑस्ट्रेलिया रिश्तों पर बात होगी वहीं वे ब्रिसबेन में हो रहे जी-20
शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। वैश्विक अर्थ-व्यवस्था को पटरी पर लाने,
पश्चिम एशिया में इस्लामिक स्टेट के नाम के एक नए आंदोलन के खड़े होने और
एशिया-प्रशांत क्षेत्र के बदलते परिदृश्य के विचार से यह सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण
है। ब्राजील में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के बाद नरेंद्र मोदी का यह सबसे बड़ा
अंतरराष्ट्रीय संवाद भी है। इसके पहले वे म्यांमार में हुए आसियान शिखर सम्मेलन और
ईस्ट एशिया समिट में हिस्सा लेकर आए हैं, जहाँ उन्होंने भारत के आर्थिक बदलाव का
जिक्र करने के अलावा भारत की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं का उल्लेख भी किया। उन्होंने
‘लुक ईस्ट’ के संवर्धित रूप
‘एक्ट ईस्ट’ का जिक्र भी इस
बार किया।
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Sunday, November 16, 2014
Sunday, November 9, 2014
मोदी का गाँवों की जनता से संवाद
नरेंद्र मोदी की बातों को गाँवों और कस्बों में रहने वाले
लोग बड़े गौर से सुन रह हैं। हाल में उन्होंने रेडियो को मार्फत जनता से जो संवाद
किया उसकी अहमियत शहरों में भले न रही हो, पर गाँवों में थी। गाँवों में बिजली
नहीं आती। रेडियो आज भी वहाँ का महत्वपूर्ण माध्यम है। नरेंद्र मोदी ने उसके महत्व
को समझा और गाँवों से सीधे सम्पर्क का उसे ज़रिया बनाया। शुक्रवार को वाराणसी में
उनके कार्यक्रमों में जयापुर गाँव का कार्यक्रम गाँव के लोगों को छूता था। यह केवल
एक गाँव का मसला नहीं है बल्कि देशभर के गाँवों की नजर इस कार्यक्रम पर थी।
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