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Monday, June 27, 2022

कोलकाता से नया हिन्दी दैनिक 'वर्तमान'

आज 27 जून से कोलकाता से एक नए हिन्दी दैनिक वर्तमान पत्रिका का प्रारम्भ हुआ है। बांग्ला वर्तमान राज्य का प्रमुख दैनिक समाचार पत्र है। प्रख्यात पत्रकार और लोकप्रिय राजनीतिक आलोचक बरुण सेनगुप्ता ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता से 7 दिसंबर सन 1984 को इसकी शुरुआत की थी। वे वर्तमान अखबार के संस्थापक संपादक थे। अपने तीखे राजनीतिक विश्लेषण और उसकी सरल प्रस्तुति के लिए वे याद किए जाते हैं। संघर्ष की आग में तप-तप निखरता वर्तमान बंगाल में बांग्ला अखबारों में पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय है। साप्ताहिक वर्तमान, सुखी गृहकोण और शरीर ओ स्वास्थ्य इस संस्था द्वारा प्रकाशित अनुषंगी प्रकाशन हैं।

विगत 38 वर्षों से पत्रकारिता धर्म का निर्वहन करता आ रहे 'वर्तमान' के प्रकाशकों का कहना है कि पाठकों का हित ही अखबार की प्राथमिकता होगी। हिन्दीभाषी समाज और पाठकों की उन्नति की राह में हमसफर बनने की एक ईमानदार कोशिश अखबार के माध्यम से की जायेगी। 'ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर' के सिद्धांत को आत्मसात करते हुए एक निष्पक्ष अखबार की नींव उस बंगाल की धरती से रखी जाएगी जहां से हिन्दी के पहले अखबार 'उदंत मार्तंड' का प्रकाशन शुरू हुआ  था।

अखबार का यह भी कहना है कि सामाजिक विद्वेष के खिलाफ लड़ाई और सच का साथ हमारी प्राथमिकता होगी। बंगाल के हिन्दीभाषी समाज को एक नए कलेवर और स्वाद के साथ एक संपूर्ण अखबार देने की दिशा में हमारी कोशिश जारी है। वर्तमान पत्रिका पूरे हिन्दुस्तान की बात करेगा। बिना किसी से प्रभावित हुए सबकी बात मजबूती से रखने में कोई कोर कसर नहीं रखी जाएगी।

Friday, August 16, 2013

प्रधानमंत्री बनाम मोदी पर मीडिया

प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश के जवाब में नरेन्द्र मोदी के भाषण के बारे में अखबारों की कवरेज में खासी विविधता है। स्वतंत्रता दिवस का अवकाश होने के कारण देश के कई इलाकों में अखबार नहीं निकले, इसलिए उस स्तर पर कवरेज नहीं हुई जितनी सामान्य दिनों में होती है। दो-तीन बातें मुझे समझ में आईं जिनका विवरण मैं देना चाहता हूँ।

1. इस विषय पर सम्पादकीय टिप्पणी केवल अंग्रेजी के कुछ अखबारों में देखने को मिली। हिन्दी के अखबार ऐसे विषयों पर सम्पादकीय लिखने से बचते हैं, जिनमें राजनीतिक जोखिम हो।

2. हिन्दी के अखबारों ने पेज एक पर खबर देने में भी सावधानी बरती है। अलबत्ता नवभारत टाइम्स और हिन्दुस्तान ने लगभग एक जैसे शीर्षक के साथ खबर दी है। नवभारत टाइम्स की लीड है 'अटैक कर घिर गए मोदी।' हिन्दुस्तान में लीड के साथ जुड़ी खबर है 'पीएम पर टिप्पणी करके चौतरफा घिर गए मोदी।' दैनिक जागरण की लीड है 'जश्न के मौके पर सियासी जंग।'इन सभी अखबारों ने प्रधानमंत्री के संबोधन पर औपचारिक सम्पादकीय हैं।

3. बिजनेस दैनिक मिंट की लीड का शीर्षक है, 'Study in contrast/ I-day speeches set stage for 2014' मुम्बई के डीएनए की नीति सम्पादकीय पेज छापने की नहीं है। उसने दोनों के वक्तव्यों को आमने-सामने रखकर एक ग्रैफिक दिया है।



Tuesday, August 6, 2013

हिन्दी अखबार कैसा हो और क्यों हो?

नवभारत टाइम्स के लखनऊ संस्करण में मेरी दिलचस्पी इस कारण भी है, क्योंकि यह देश के सबसे बड़े प्रकाशन समूह का हिन्दी अखबार है। एक समय तक दिल्ली में टाइम्स ऑफ इंडिया से भी ज्यादा प्रसारित होता था। नब्बे के दशक में इसकी कीमत घटाकर एक रुपया कर देने के बाद दिल्ली में अंग्रेजी अखबार पढ़ने वाले पाठक बड़ी संख्या में इसकी ओर आकृष्ट हुए। उसके बाद इसके मनोरंजन परिशिष्टों ने युवा पीढ़ी का ध्यान खींचा। मुझे याद है सन 1998 में मेरी एकबार अमर उजाला के तत्कालीन प्रमुख अतुल माहेश्वरी से काफी लम्बी मुलाकात हुई। वे समीर जैन की व्यावसायिक समझ की बेहद प्रशंसा कर रहे थे।