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Monday, October 18, 2021

सावधान! महामारी का सबसे नाज़ुक दौर है अब


कोविड-19 को लेकर दो तरह के परिदृश्य हमारे सामने हैं। दूसरी लहर के भयानक हाहाकार के बाद कम से कम भारत में स्थितियाँ सुधरती हुई लग रही हैं। देश के काफी राज्यों में जन-जीवन अपेक्षाकृत सामान्य हो चला है, स्कूल-कॉलेज खुलने लगे हैं, सरकारी दफ्तरों में काम होने लगा है, बाजार, मॉल और सिनेमाघर तक खुलने लगे हैं। पर तस्वीर का दूसरा पहलू भी है। महामारी कहीं गई नहीं है, वह अभी हमारे बीच है। उसके कई वेरिएंट विचरण कर रहे हैं।  पिछले दो साल में यह सबसे नाज़ुक मौका है। अब हम उसे दबोच सकते हैं और बीमारी भी हमें दबोच सकती है। खासतौर से भारत में इस वक्त सबसे ज्यादा सजग रहने की जरूरत है।

48 लाख से ज्यादा मौतें

दुनिया भर में कुल केस इस हफ्ते 23 करोड़ 90 लाख के आसपास पहुँच चुके हैं। एक करोड़ 80 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं, जिनमें से करीब 83 हजार गम्भीर स्थिति में हैं। 48 लाख 70 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। भारत में कुल मामले तीन करोड़ 40 लाख के आसपास हैं और कुल मौतें साढ़े चार लाख से ज्यादा हो चुकी हैं। 12 अक्तूबर की सुबह तक देश में कुल 3 करोड़, 39 लाख, 84 हजार से ज्यादा केस हो चुके हैं। इनमें एक्टिव मरीजों की संख्या 2,07,937 थी।

दुनिया में भारत दूसरे नम्बर पर है। सिर्फ अमेरिका में ही भारत से ज्यादा मामले हैं। वहां कोरोना संक्रमणों की संख्या चार करोड़ से ऊपर है मौतों की संख्या सात लाख से ऊपर। ब्राजील में दो करोड़ के ऊपर केस हुए हैं और इससे हुई मौतों की संख्या 6 लाख से ज्यादा है। इन तीनों देशों में दुनिया के आधे से ज्यादा कोरोना मरीज हैं। यूके में 79 लाख, रूस में 75 लाख, तुर्की में 72 और फ्रांस में 70 लाख मामले सामने आए हैं। यह लम्बी सूची है।

भारत में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है, जहाँ कुल मामले 65 लाख से ज्यादा हैं। वहाँ पूरे देश की एक चौथाई यानी एक लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। केरल में 48 लाख से ज्यादा, कर्नाटक में 29, तमिलनाडु में 26 लाख, आन्ध्र प्रदेश में 20 लाख, उत्तर प्रदेश में 17 लाख, पश्चिम बंगाल 15 लाख और दिल्ली में 14 लाख से ऊपर मामले आ चुके हैं।

त्योहारों का मौका

भारत और खासतौर से उत्तर भारत में, यह सबसे नाज़ुक समय है। लड़कों पर भीड़ बढ़ गई है। त्योहारों के कारण अब जनवरी के पहले हफ्ते तक हमें खासतौर से सावधान रहने की जरूरत है। इस दौरान कई लम्बे वीकेंड आएंगे। कई दिन की छुट्टियाँ पड़ेंगी। पिछले दो साल से लोग अपने घरों में कैद हैं। ऐसे में लोग घूमने के लिए निकल पड़ते हैं। इस साल भी संयम बरतें। विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक या धार्मिक सभाओं के कारण जनसंख्या के घनत्व में अचानक वृद्धि से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ सकते है।

Tuesday, July 20, 2021

कृपया तीसरी और चौथी लहरों को मत बुलाइए!


हमें लगता है कि कोरोना की दूसरी लहर उतार पर है, पर दूसरे देशों की तस्वीर अच्छी नहीं है। कहीं दूसरी लहर चल रही है और कहीं तीसरी। कुछ देश चौथी का इंतजार कर रहे हैं। नए संक्रमितों की संख्या चार हफ्तों से बढ़ रही है। अमेरिका सबसे ज्यादा संक्रमित देश है, पर तेज टीकाकरण के कारण वहाँ की स्थिति बेहतर हुई है, पर तमाम देशों में प्रतिबंधों के बावजूद संक्रमण में गिरावट नहीं हो रही है। हमारे लिए सबक है कि लापरवाही का मतलब है तबाही को दावत देना।

ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, इंडोनेशिया, क्यूबा, ब्रिटेन, रूस और दक्षिण कोरिया में स्थिति बिगड़ रही है। बुधवार 7 जुलाई को दुनिया में कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या 40 लाख से ऊपर चली गई थी। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डैशबोर्ड के अनुसार 13 जुलाई की सुबह मरने वालों की संख्या 40 लाख 36 हजार से ऊपर हो गई। वैश्विक कोरोना के कुल मामले 18 करोड़ 71 लाख से ऊपर हैं।

लैटिन अमेरिका में हाहाकार

रोजाना मौतों की संख्या में गिरावट है, फिर भी 6 से 8 हजार मौतें रोज हो रही हैं। अमेरिका में छह लाख, ब्राजील में पाँच लाख और भारत में चार लाख से ऊपर यह संख्या हो गई है। ब्राजील और मैक्सिको में मृत्यु दर बहुत ज्यादा है। कुछ महीनों से पेरू, कोलम्बिया और अर्जेंटाइना में मृत्यु दर बढ़ी है। पेरू में प्रति दस लाख आबादी पर 6,000 मौतों का औसत है, जबकि वैश्विक औसत 51 है। इससे फर्क पता लगता है। भारत में यह औसत 300 और अमेरिका में 1800 है। ब्राजील और कोलम्बिया में 2000 के ऊपर है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया टेड्रॉस गैब्रेसस ने जिनीवा से प्रसारित वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वायरस के डेल्टा वेरिएंट का खतरनाक प्रसार हो रहा है। जिन देशों में टीकाकरण का दायरा सीमित है, वहाँ खासतौर से दशा बहुत ख़राब है। डेल्टा वेरिएंट 104 से ज़्यादा देशों में मौजूद है और यह जल्द ही दूसरे देशों में फैल जाएगा। जिन देशों ने शुरुआती दौर में, वायरस की लहर पर क़ाबू पाने में कामयाबी हासिल की थी, वहाँ भी नई लहर का विनाशकारी रूप देखने को मिल रहा है।

Sunday, June 20, 2021

सावधान, कोरोना कहीं गया नहीं है!


दिल्ली में अनलॉक के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है और सरकार को तथा जनता को सावधान करते हुए कहा है कि छोटी सी गलती भी तीसरी लहर को बुलावा देगी। अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार से मामले की रिपोर्ट भी मांगी है। दिल्ली में अनलॉक के बाद से ही बाजारों में उमड़ी भारी भीड़ के फोटो वॉट्सऐप पर प्रसारित हो रहे हैं। लोग बिना मास्क लगाए घूम रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में हम बड़ी कीमत अदा कर चुके हैं। ऐसा कोई घर नहीं बचा, जो दूसरी लहर की चपेट में न आया हो।

हाईकोर्ट ने इन तस्वीरों का स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका शुरू करते हुए केंद्र, दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए स्टेटस रिपोर्ट तलब की है और सुनवाई के लिए 9 जुलाई की तारीख तय की है। अदालत ने कहा है कि लोगों में डर होना चाहिए, लेकिन डर भीतर से आना चाहिए। यह चेतावनी केवल दिल्ली के लिए नहीं, पूरे देश के लिए है। इस साल जनवरी-फरवरी में हम इसी तरह से निर्द्वंद होकर मान बैठे थे कि कोरोना तो गया। पर वह धोखा था। उधर भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार सहित स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने तीसरी लहर की चेतावनी दी है। विशेषज्ञों ने कहा है कि  लोग एहतियात नहीं बरतेंगे, तो हालात फिर से खराब हो जाएंगे।

दूसरी लहर काबू में

सच यह भी है कि कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ी है। इस हफ्ते नए मामलों का साप्ताहिक औसत साठ हजार के आसपास है, जो अगले हफ्ते पचास हजार के आसपास आने की उम्मीदें हैं। सक्रिय केसों की देश में संख्या साढ़े सात लाख के आसपास है, जिसमें तेज गिरावट है। उत्तर भारत में संक्रमण का असर काफी कम हुआ है, पर दक्षिण में अभी असर है। पर यह गिरावट लॉकडाउन और एहतियात का परिणाम है। हम फिर से बेखबर होंगे, तो महामारी का अगला हमला और ज्यादा खतरनाक हो सकता है।