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Wednesday, March 5, 2025

स्टालिन ने कहा परिसीमन को तीस साल के लिए ‘फ़्रीज़’ करो


1965 में केंद्र सरकार ने दक्षिण भारत के राज्यों को आश्वासन दिया था कि अब अंग्रेजी अनंतकाल तक हिंदी के साथ भारत की राजभाषा बनी रहेगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को यदि दक्षिण भारतीय जनमत का प्रतिनिधि माना जाए, तो नई माँग यह है कि 2026 के बाद लोकसभा की सीटों का परिसीमन 30 साल तक के लिए ‘फ़्रीज़’ कर दिया जाए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आज 5 मार्च को इस विषय पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें 2026 में प्रस्तावित संसदीय निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन प्रक्रिया को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने इस लड़ाई को अन्य दक्षिणी राज्यों तक बढ़ाने की माँग करते हुए कहा कि परिसीमन तमिलनाडु को 'कमजोर' करेगा और 'भारत के और ‘भारत के संघीय ढाँचे के लिए खतरा’ होगा। 

इस बैठक में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम, अखिल भारतीय द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम, कांग्रेस, विदुथलाई चिरुथिगल काची, तमिलगा वेत्री कषगम और कम्युनिस्ट पार्टियों सहित राजनीतिक दलों ने भाग लिया। भारतीय जनता पार्टी और नाम तमिलार काची और तमिल मानीला कांग्रेस ने इस बैठक का बहिष्कार किया। 

बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार, आगामी जनगणना के आँकड़ों के आधार पर परिसीमन, विशेष रूप से तमिलनाडु और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व अधिकारों को प्रभावित करेगा।…तमिलनाडु और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों का संसदीय प्रतिनिधित्व केवल इसलिए कम करना पूरी तरह से अनुचित है क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय हित में जनसंख्या नियंत्रण उपायों को सक्रिय रूप से लागू किया है।

Tuesday, February 23, 2021

कांग्रेस हाईकमान ने पुदुच्चेरी की अनदेखी की

निवर्तमान मुख्यमंत्री वी नारायणसामी और राज्यपाल तमिलसाई सौंदरराजन

पुदुच्चेरी में कांग्रेस सरकार गिर गई है। वहाँ किसी नए गठबंधन की सरकार बनेगी या नहीं, यह बात कुछ दिन में स्पष्ट होगी। कांग्रेसी पराजय के बाद कहा जा रहा है, हालांकि पार्टी को भरोसा है कि आगामी चुनाव में उसे हमदर्दी का लाभ मिलेगा, पर मुख्यमंत्री वी नारायणसामी तथा हाईकमान ने पार्टी के भीतर असंतोष की अनदेखी की। इंडियन एक्सप्रेस में मनोज सीजी ने लिखा है कि कांग्रेस के नेता मानते हैं कि पार्टी के भीतर पनप रहे असंतोष और कुछ विधायकों की कमजोरी को लेकर नारायणसामी और हाईकमान के मन में अतिशय आत्मविश्वास था और उन्होंने स्थिति की गंभीरता को नहीं पहचाना। पार्टी ने पिछले साल मध्य प्रदेश में बनी बनाई सरकार को खोया है और उससे पहले 2019 में कर्नाटक में जेडीएस के साथ बनी गठबंधन सरकार गिरी थी।

कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पुदुच्चेरी में उसके विधायकों को चारा डालने का काम 2018 में ही शुरू हो गया था। विधायक ई थीप्पैंथन और विज़ियावैनी वी ने तत्कालीन स्पीकर वी वैदिलिंगम से शिकायत की थी कि अद्रमुक के दो और एनआर (नमतु राज्यम) कांग्रेस के एक विधायक ने दल बदलने के लिए धन देने की पेशकश की है। स्पीकर को ऑडियो रिकॉर्डिंग सौंपी गई थीं।

सम्पर्क करने पर वैदिलिंगम ने इस बात की पुष्टि की कि उन्हें शिकायत मिली थी। उन्होंने जाँच की, तो वे किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाए। सन 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि उनके बाद स्पीकर बने वीपी सिवकोलुन्दु ने इस मामले को आगे बढ़ाना उचित नहीं समझा। एक नेता का कहना है कि हम जानते थे कि कोशिशें हुई थीं…हमारे कुछ विधायक और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री ए नमस्सिवायम परेशान भी थे। पर हम इस मामले में कुछ कर नहीं पाए।

पार्टी हाईकमान से जुड़े एक नेता ने कहा, नमस्सिवायम जैसे नेताओं को महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो दिया गया था। और क्या देते? यदि वे मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, तो उन्हें विधायकों का समर्थन हासिल करना चाहिए था। अब वे बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बीजेपी का अद्रमुक और एनआर कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा। एनआर कांग्रेस के नेता एन रंगासामी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। वे पहले भी मुख्यमंत्री रहे हैं। नमस्सिवायम को क्या मिलेगा? नमस्सिवायम के ससुर रंगासामी के बड़े भाई हैं।