वॉट्सएप मैसेंजर पर स्पाईवेयर पेगासस की मदद से दुनिया के कुछ लोगों की जासूसी
की खबरें आने के बाद से इस मामले के अलग-अलग पहलू एकसाथ उजागर हुए हैं। पहला सवाल
है कि यह काम किसने किया और क्यों? जासूसी
करना-कराना कोई अजब-अनोखी बात नहीं है। सरकारें भी जासूसी कराती हैं और अपराधी भी
कराते हैं। दोनों एक-दूसरे की जासूसी करते हैं। राजनीतिक उद्देश्यों को लिए जासूसी
होती है और राष्ट्रीय हितों की रक्षा और मानवता की सेवा के लिए भी। यह जासूसी
किसके लिए की जा रही थी? और यह भी कि इसकी
जानकारी कौन देगा?
इसका जवाब या तो
वॉट्सएप के पास है या इसरायली कंपनी एनएसओ के पास है। बहुत सी बातें सिटिजन लैब को
पता हैं। कुछ बातें अमेरिका की संघीय अदालत की सुनवाई के दौरान पता लगेंगी। इन
सवालों के बीच नागरिकों की स्वतंत्रता और उनके निजी जीवन में राज्य के हस्तक्षेप
का सवाल भी है। सबसे बड़ा सवाल है कि तकनीकी जानकारी के सदुपयोग या दुरुपयोग की
सीमाएं क्या हैं? फिलहाल इस मामले के
भारतीय और अंतरराष्ट्रीय संदर्भ अलग-अलग हैं।