पिछले शुक्रवार को सीएनएन आईबीएन पर करन थापर के कार्यक्रम लास्ट वर्ड में मीडिया की राय जानने के लिए जिन तीन पत्रकारों को बुलाया गया था वे तीनों किसी न किसी तरह से पार्टियों से जुड़े थे। संजय बारू कुछ समय पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार थे। चन्दन मित्रा का भाजपा से रिश्ता साफ है। वे भाजपा के सांसद भी हैं। इसी तरह हिन्दू के सम्पादक एन राम सीपीएम के सदस्य हैं। क्या यह अंतर्विरोध है? क्या मीडिया को तटस्थ नहीं होना चाहिए? ऐसे में मीडिया की साख का क्या होगा? इस बातचीत में संजय बारू ने यह सवाल उठाया भी।
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Monday, January 24, 2011
मीडिया और मनमोहन सरकार
पिछले शुक्रवार को सीएनएन आईबीएन पर करन थापर के कार्यक्रम लास्ट वर्ड में मीडिया की राय जानने के लिए जिन तीन पत्रकारों को बुलाया गया था वे तीनों किसी न किसी तरह से पार्टियों से जुड़े थे। संजय बारू कुछ समय पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार थे। चन्दन मित्रा का भाजपा से रिश्ता साफ है। वे भाजपा के सांसद भी हैं। इसी तरह हिन्दू के सम्पादक एन राम सीपीएम के सदस्य हैं। क्या यह अंतर्विरोध है? क्या मीडिया को तटस्थ नहीं होना चाहिए? ऐसे में मीडिया की साख का क्या होगा? इस बातचीत में संजय बारू ने यह सवाल उठाया भी।
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