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Monday, February 8, 2021

नाज़ुक दौर में म्यांमार का तख्ता-पलट


म्यांमार की फौज ने लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार का तख्ता-पलट करके दुनियाभर का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। सत्ता सेनाध्यक्ष मिन आंग लाइंग के हाथों में है और देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू ची तथा राष्ट्रपति विन म्यिंट समेत अनेक राजनेता नेता हिरासत में हैं। सत्ताधारी नेशनल लीग फ़ॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के ज्यादातर नेता गिरफ्तार कर लिए गए हैं या घरों में नजरबंद हैं। दूसरी तरफ सिविल नाफरमानी जैसे आंदोलन की आहट सुनाई पड़ने लगी है।

एक साल का आपातकाल घोषित करने के बाद सेना ने कहा है कि साल भर  सत्ता हमारे पास रहेगी। फिर चुनाव कराएंगे। विदेश-नीति से जुड़े अमेरिकी थिंकटैंक कौंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस की वैबसाइट पर जोशुआ कर्लांज़िक ने लिखा है कि सेना एक साल की बात कह तो रही है, पर अतीत का अनुभव है कि यह अवधि कई साल तक खिंच सकती है। सेना ने अपने लिखे संविधान में लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता-पलट करके सैनिक शासन लागू करने की व्यवस्था कर रखी है।

सेना का अंदेशा

शायद सेना को डर था कि आंग सान सू ची के नेतृत्व में एनएलडी इतनी ताकतवर हो जाएगी कि हमारी ताकत को सांविधानिक तरीके से खत्म कर देगी। विडंबना है कि सू ची ने भी शक्तिशाली नेता होने के बावजूद सेना को हाशिए पर लाने और लोकतांत्रिक सुधारों को तार्किक परिणति तक पहुँचाने का काम नहीं किया। उन्होंने अपनी जगह तो मजबूत की, पर लोकतांत्रिक संस्थाओं का तिरस्कार किया। रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार करने वाली सेना की तरफदारी की।

Monday, February 1, 2021

म्यांमार में तख्ता पलट

एक राजनीतिक कार्यकर्ता को गिरफ्तार करके ले जाते सैनिक

पड़ोसी देश म्यांमार एकबार फिर से अस्थिरता का शिकार हुआ है। सेना ने फिर से सत्ता पर कब्जा कर लिया है। पिछले पाँच साल में धीमी गति से जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं शुरू हुईं थीं, उन्हें धक्का लगा है। दुनिया के लोकतांत्रिक देशों ने सैनिक शासकों से कहा है कि वे सांविधानिक भावना का सम्मान करें और लोकतांत्रिक संस्थाओं को अपना काम करने दें। सवाल है कि यह कौन तय करेगा कि जो हो रहा है, वह सही है या नहीं। और इस संकट का समाधान कैसे होगा? सेनाध्यक्ष मिन आंग लैंग ने पिछले हफ्ते  संविधान को भंग करने की धमकी दी थी। पिछले नवंबर में हुए चुनाव के आधार पर नवगठित संसद का अधिवेशन 1 फरवरी से होने वाला था। उसे रोककर और देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू ची तथा राष्ट्रपति विन म्यिंट और दूसरे नेताओं को हिरासत में लेकर सैनिक शासकों ने अपने इरादों को स्पष्ट कर दिया है।