पिछले साल सोलहवीं लोकसभा के पहले सत्र
में नई सरकार की ओर से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण में बदलते भारत का नक्शा पेश किया गया था। नरेंद्र
मोदी के आलोचकों ने तब भी कहा था और आज भी कह रहे हैं कि यह एक राजनेता का सपना
है। इसमें परिकल्पना है, पूरा करने की तजवीज नहीं। देश में एक सौ स्मार्ट सिटी का
निर्माण, अगले आठ साल में हर परिवार को पक्का मकान, डिजिटल
इंडिया, गाँव-गाँव तक ब्रॉडबैंड पहुँचाने का वादा और हाई स्पीड ट्रेनों के हीरक
चतुर्भुज तथा राजमार्गों के स्वर्णिम चतुर्भुज के अधूरे पड़े काम को पूरा करने का
वादा वगैरह। सरकार की योजनाएं कितनी व्यावहारिक हैं या अव्यावहारिक हैं इनका पता
कुछ समय बाद लगेगा, पर तीन योजनाएं ऐसी हैं जिनकी सफलता या विफलता हम अपनी आँखों
से देख पाएंगे। ये हैं आदर्श ग्राम योजना, डिजिटल इंडिया और अब 100 स्मार्ट सिटी।