Wednesday, October 28, 2020

चीन ने छोड़े तीन जासूसी उपग्रह

 


चीन ने 26 अक्तूबर को याओगान-30 रिकोनेसां उपग्रहों के सातवें समूह का प्रक्षेपण किया है, जिसपर अमेरिका और भारत दोनों की निगाहें हैं। इस साल चीन का यह 31वाँ अंतरिक्ष प्रक्षेपण था। आमतौर पर वैज्ञानिक भाषा में इन्हें सुदूर संवेदन उपग्रह (रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट) कहा जाता है, जिसे सरल भाषा में जासूसी उपग्रह कह सकते हैं। इनका उद्देश्य दुनियाभर में हो रही गतिविधियों पर नजर रखने का होता है।

इस नवीनतम प्रक्षेपण में चीन के शीचैंग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र के एलसी-3 से लांग मार्च-2 सी रॉकेट पर तीन याओगान-30 उपग्रह छोड़े गए। इनके अलावा एक छोटा व्यावसायिक पेलोड भी इसके साथ छोड़ा गया।

इस उपग्रह त्रयी को पृथ्वी की कक्षा में करीब 600 किलोमीटर की ऊँचाई पर 35 डिग्री के झुकाव पर स्थापित किया गया है। इसके पहले इस श्रृंखला के छह उपग्रह पहले से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। इस सीरीज का पहला उपग्रह सितंबर 2017 में छोड़ा गया था।

चीन सरकार के मीडिया ने जानकारी दी है कि ये उपग्रह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पर्यावरण की जाँच और उससे जुड़े परीक्षण करेंगे। इससे ज्यादा कोई जानकारी नहीं दी गई है।

अलबत्ता वैश्विक विशेषज्ञ मानते हैं कि ये उपग्रह सैनिक इस्तेमाल के लिए छोड़े गए हैं। याओगान-30 का यह उपग्रह मंडल इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटेलिजेंस का काम करेगा। इसके अलावा रेडार इमेजिंग तथा फोटो लेने का काम भी।

इस तीनों उपग्रहों के साथ जो चौथा उपग्रह तियानछी-6 (Tianqi-6) छोड़ा गया है, वह एक व्यावसायिक कंपनी बीजिंग ग्वोदियान गाओके टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड से जुड़ा है, जो डेटा संग्रह करने वाला उपग्रह है। यह उपग्रह इंटरनेट ऑफ थिंग्स (यानी विभिन्न उपकरणों के परस्पर संपर्क) के संकीर्ण बैंड (नैरो बैंड) के वैरीफिकेशन टेस्ट का काम करेगा। जुलाई 2019 में भी याओगान-30 सीरीज के तीन उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए थे।

 

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