गत 6 मार्च को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ के आप्त-वाक्य के साथ वर्ष 2023-24 के लिए एक लाख 21 हज़ार 500 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया। यह बजट इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह राज्य कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आधारित ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ को स्थापित करना चाहता है। इस साल राज्य में विधानसभा चुनाव भी हैं। इस दृष्टि से तमाम लोकलुभावन योजनाओं की भी इसमें भरमार है। खासतौर से बेरोजगारों को 2500 रुपये महीने के बेरोजगारी भत्ते की घोषणा। इस योजना की घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गणतंत्र दिवस पर कर चुके थे। बजट में केवल उसे औपचारिक रूप दिया गया है।
वित्तीय दृष्टि से राज्य आरामदेह स्थिति में
है। राज्य के स्वयं की
राजस्व प्राप्तियों को बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का परिणाम सकारात्मक
रहा है। इस वर्ष राज्य के स्वयं के राजस्व में 26 प्रतिशत की
वृद्धि अनुमानित है। एक और उपलब्धि यह है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा राज्य के
विकास कार्यों हेतु वर्ष 2012-13 से निरंतर बाजार ऋण लिया जा रहा था। विगत तीन
वर्षों में कुशल वित्तीय प्रबंधन अपनाते हुए वर्ष 2022-23 में सरकार ने अब तक बाजार ऋण नहीं लिया है।
आर्थिक
संवृद्धि
बजट में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कई प्रकार की घोषणाएं की गई हैं, जिनमें खासतौर से स्वास्थ्य, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर है। हालांकि अर्थव्यवस्था का विकास देश के सभी इलाकों में हुआ है, पर छत्तीसगढ़ उन राज्यों में शामिल है, जिनका विकास अपेक्षाकृत तेज है। मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ 1 नवम्बर 2000 को अस्तित्व में आया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने 2001 में जो पहला बजट पेश किया था, वह साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए का था। संशोधित अनुमानों को जोड़ने के बाद वह 5,705 करोड़ रुपए का हो गया था। इस साल यह एक लाख 12 हजार करोड़ रूपये का है। 22 साल में इसका आकार करीब 22 गुना हो गया है।
बजट के पहले 4 मार्च को प्रस्तुत राज्य की
आर्थिक समीक्षा के अनुसार राज्य का
जीएसडीपी स्थिर भावों पर वर्ष 2021-22 में दो लाख 67 हज़ार 6 सौ 81 करोड़ रुपए से
बढ़कर वर्ष 2022-23 में दो लाख 89 हज़ार 82 करोड़ रुपए का होने का अनुमान है। इस प्रकार
राज्य की वार्षिक विकास दर करीब आठ प्रतिशत है। यह संवृद्धि स्थिर भावों पर (आधार
वर्ष 20211-12) पर है। इसमें कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र (कृषि पशुपालन, मत्स्य एवं वन) में 9.3 प्रतिशत, उद्योग
क्षेत्र (निर्माण, विनिर्माण, खनन एवं
उत्खनन, विद्युत गैस तथा जल आपूर्ति सम्मिलित) में
7.83 प्रतिशत एवं सेवा क्षेत्र में 9.21 प्रतिशत संवृद्धि अनुमानित है।
प्रचलित भावों पर
2022-23 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (बाज़ार मूल्य) पर गत वर्ष 2021-22 के रुपए 4,06,416
करोड़ से बढ़कर 4,57,608 करोड़ रुपए होना संभावित है। इसमें वर्ष 2021-22 में कृषि
एवं संबद्ध क्षेत्र 85,492 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में
94,635 करोड़ रुपए इसी प्रकार उद्योग क्षेत्र
में 1,63,616 करोड़
रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 183586 करोड़ रुपए एवं सेवा क्षेत्र में 1,36,329 करोड़ रुपए से
बढ़कर वर्ष 2022-23 में 1,55,995 करोड़
रुपए होना संभावित है। आर्थिक समीक्षा के अनुसार राज्य में प्रति व्यक्ति औसत आय में
वार्षिक संवृद्धि करीब 11 प्रतिशत है। महामारी के असर को देखते हुए कुल मिलाकर
राज्य की अर्थव्यवस्था को स्वस्थ और संतोषजनक प्रगति की ओर बढ़ती कहा जा सकता
है।
गाँव और खेती
‘धान का कटोरा’ के रूप में प्रसिद्ध राज्य ने राजीव
गांधी किसान न्याय योजना के लिए 6,800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। राजीव
गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना का ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ नगर
पंचायत क्षेत्र के लिए भी विस्तार किया जा रहा है। शिक्षित बेरोज़गारों को
बेरोज़गारी भत्ता देने की नवीन योजना के अंतर्गत 2500 रुपए प्रति माह की दर से
बेरोज़गारी भत्ता प्रदान करने हेतु 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही
निराश्रितों, बुजुर्गों, दिव्यांगों
एवं विधवा स्त्रियों तथा परित्यक्ताओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत
दी जाने वाली मासिक पेंशन की राशि 500 रुपए प्रति माह दी जाएगी। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित
जाति वर्ग के विकास के लिए कुल बजट की 45 प्रतिशत राशि का
प्रावधान किया गया है।
राजनांदगांव, रायगढ़ जिले में नवीन उर्वरक प्रयोगशाला की स्थापना की
जाएगी। इसके अतिरिक्त सेटअप के लिए प्रावधान। रासायनिक एवं जैविक कीटनाशकों की
गुणवत्ता युक्त परीक्षण हेतु रायपुर में नवीन प्रयोगशाला की स्थापना का प्रावधान। आधुनिक
तकनीकों के प्रदर्शन हेतु रायपुर अटल नगर में सेंटर ऑफ एक्सेलेंस की स्थापना की
जाएगी। विकास खंड मुख्यालय में कृषकों को गुणवत्ता युक्त पौधे उपलब्ध कराने हेतु
अनुसंधान केंद्र की स्थापना हेतु दो करोड़ का प्रावधान। 20 लाख ग्रामीण
परिवारों तक स्वच्छ जल, शेष परिवारों तक जल पहुंचाने 2 हजार करोड़ रुपए की राशि। राजीव गांधी किसान न्याय योजना
( 6800 करोड़), राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि
मजदूर न्याय योजना का नगर पंचायत क्षेत्रों के लिए विस्तार, सामाजिक सुरक्षा पेंशन
योजना की राशि में 43% की वृद्धि (प्रतिमाह 500)।
मेडिकल शिक्षा
उपरोक्त घोषणाओं में खासतौर से मेडिकल शिक्षा की
तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने चार नए मेडिकल कॉलेज
खोलने को घोषणा की है। इसके लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके
अलावा अस्पतालों का आधुनिकीकरण करने और नए अस्पताल खोलने का विचार भी है। इन सबके
लिए 1500 नए पदों पर सरकारी तौर पर भरती की जाएगी।
डॉ भीमराव आम्बेडकर
अस्पताल रायपुर में 700 बिस्तर के एकीकृत अस्पताल भवन के लिए 85 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है और सुदूर क्षेत्रों
में मोबाइल मेडिकल यूनिट की स्थापना हेतु 5 करोड़ का
प्रावधान किया गया है। डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के लिए 990 करोड़ की व्यवस्था की गई है। सरकार
अपने कुल बजट का 6.4 फीसदी बजट केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च करेगी। सरकार ने
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के लिए 5497 करोड़ रुपये और चिकित्सा शिक्षा
विभाग के लिए 2240 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं से
जुड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मासिक मानदेय 6 हज़ार 500 रुपए प्रति माह से
बढ़ाकर 10 हज़ार रुपए प्रति माह किया गया है। आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 3 हज़ार
250 रुपए से बढ़ाकर 5 हज़ार रुपए और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4 हज़ार
500 रुपए से बढ़ाकर 7 हज़ार 500 रुपए प्रति माह किया जा रहा है। मितानिन बहनों को
पूर्व से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त राज्य मद से 22 सौ रुपए प्रति
माह की दर से मानदेय दिया जाएगा। ग्राम कोटवारों का मानदेय भी बढञाया जा रहा है।
शिक्षा
प्रदेश के चयनित
अंग्रेजी महाविद्यालयों महासमुन्द, कोरबा, बिलासपुर, रायगढ़ में चार
महाविद्यालय भवन निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य में 23 नए महाविद्यालयों
की स्थापना की जाएगी। राज्य रिसर्च फैलोशिप योजना प्रारंभ की जाएगी। 36 शासकीय आईटीआई संस्थानों के लिए 100 करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है। 101 नवीन स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय खोलने के लिए
870 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूलों
में दोपहर का भोजन बनाने वाले रसोइयों को दी जा रही मानदेय की राशि 1,500 रुपए को
बढ़ाकर 1,800 रुपए और विद्यालयों में कार्यरत स्वच्छता कर्मियों का मानदेय भी
2,500 रुपए से बढ़ाकर 2,800 रुपए प्रति माह किया गया है। होमगार्ड के जवानों के
मानदेय में न्यूनतम 6,300 रुपए से अधिकतम 6,420 रुपए प्रति माह की वृद्धि की गई
है। स्वावलंबी गोठानों की संचालन समिति के अध्यक्ष को 750 रुपए एवं अशासकीय
सदस्यों को 500 रुपए मासिक मानदेय दिया जाएगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर
नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न शहरी अधोसंरचना
निर्माण कार्यों के लिए एक हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है। आवास योजना के तहत 3 हजार 2 सौ 38 करोड़ का प्रावधान। महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना की तर्ज पर शहरी
क्षेत्र में भी औद्योगिक पार्क की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपए का प्रावधान। मनेंद्रगढ़,
गीदम, जांजगीर-चांपा एवं कबीरधाम ज़िलों में
नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया
गया है। कोरबा पश्चिम में नवीन ताप विद्युत गृह की स्थापना की जाएगी। बजट में इसके
लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
लाइट मेट्रो
नवा रायपुर अटल नगर से दुर्ग तक लाइट मेट्रो
सेवा शुरू करने हेतु प्रावधान किया गया है। बैकुंठपुर में नवीन हवाई पट्टी, कोरबा में
व्यावसायिक पट्टी निर्माण किया जाएगा। नवा रायपुर एयरपोर्ट के पास, एयरो सिटी के लिए 2 करोड़ का
प्रावधान। 97 नवीन न्यायालयों की स्थापना के लिए 23 करोड़ 25 लाख का प्रावधान। नवा
रायपुर के जंगल सफारी के उन्नयन के लिए 11 करोड़ का प्रावधान। 50 रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। खारुन नदी पर रिवर फ्रंट
के लिए 10 करोड़ का प्रावधान।
खेलकूद
रायपुर में खुलेगी विश्वस्तरीय
बैडमिंटन अकादमी। झीरम में स्पोर्ट्स अकादमी की स्थापना की जाएगी। नारायणपुर में
मलखम्ब अकादमी स्थापित होगी। कुनकुरी में एडवेंचर स्पोर्ट सेंटर की घोषणा। छत्तीसगढ़िया
ओलम्पिक के लिए बजट में 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
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