संसद भवन परिसर की कैंटीन में अब सांसदों को सब्सिडी वाला खाना नहीं मिलेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंगलवार को कहा कि संसद की कैंटीन में सांसदों को भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी खत्म की जा रही है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला
ने बताया कि सांसदों और अन्य लोगों को खाने पर मिलने वाली सब्सिडी पर रोक लगा दी
गई है। खाने में सब्सिडी खत्म करने को लेकर दो साल पहले भी बात उठी थी। लोकसभा की
कार्यमंत्रणा समिति में सभी दलों के सदस्यों ने एक राय बनाते हुए इसे खत्म करने
पर सहमति जताई थी। अब कैंटीन में मिलने वाला खाना लागत के हिसाब से ही मिलेगा।
सांसद उसी हिसाब से ही भुगतान करेंगे। संसद की कैंटीन को अब नॉर्दर्न रेलवे के
बदले इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन चलाएगा।
संसद की कैंटीन को सालाना करीब 17 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही थी, जो अब खत्म हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक कैंटीन की रेट लिस्ट में चिकन करी 50 रुपए में तो शाकाहारी थाली 35 रुपए में परोसी जाती है। वहीं थ्री कोर्स लंच की कीमत 106 रुपए निर्धारित है। दक्षिण भारतीय भोजन में प्लेन डोसा मात्र 12 रुपए में मिलता है। इसके अलावा मटन करी सिर्फ 40 रुपये और चिकन बिरयानी 65 रुपये में मिलती है। एक आरटीआई के जवाब में 2017-18 में यह रेट लिस्ट सामने आई थी।
कार्यवाही अपराह्न 4 से
रात 8 बजे तक
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला
ने बताया कि संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों से कोविड-19 जांच कराने का
अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सांसदों के आवास के नजदीक भी उनके आरटी-पीसीआर
कोविड-19 परीक्षण किए जाने के प्रबंध किए गए हैं। संसद भवन में कोरोना टेस्ट 27 और
28 जनवरी को होगा। इसके अलावा सांसदों के सभी स्टाफ और उनके परिवार के लोगों के
लिए बी टेस्ट की व्यवस्था की गई है। 29 जनवरी से शुरू होने वाले संसद सत्र के
दौरान राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगी। जबकि, लोकसभा
की कार्यवाही दूसरे हाफ में शाम 4 से रात 8 बजे तक होगी। वहीं, प्रश्नकाल
सत्र के दौरान एक घंटे का होगा।
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