पिछले हफ्ते पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अचानक ट्विटर पर अपना हैंडल शुरू कर दिया। पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर अचानक राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गईं हैं। विरोधी दलों ने एक नए आंदोलन की शुरुआत कर दी है, जिसका निशाना इमरान खान के साथ सेना भी है। इस आंदोलन के तेवर को देखते हुए विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने विरोधी दलों से अपील की है कि वे देश की संस्थाओं पर आरोप न लगाएं। यह देश के हित में नहीं होगा। यहाँ उनका आशय सेना से ही है। नवाज शरीफ आजकल लंदन में रह रहे हैं और लगता नहीं कि वे जल्द वापस आएंगे, पर लगता है कि वे लंदन में रहकर पाकिस्तानी राजनीति का संचालन करेंगे। उनकी बेटी मरियम देश में इस अभियान में शामिल हैं। उनके साथ बेनजीर भुट्टो के पुत्र बिलावल भुट्टो भी इमरान खान और सेना विरोधी आंदोलन में शामिल हो गए हैं।
गत 20 सितंबर को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की ओर से आयोजित सर्वदलीय सम्मेलन में सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी को छोड़कर शेष ज्यादातर बड़े दल शामिल हुए और उन्होंने ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ नाम से एक नए जनांदोलन का आह्वान किया है। दस से ज्यादा विरोधी दलों ने एक मंच पर आकर इमरान खान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह मोर्चा एक तरह से सेना के खिलाफ भी है, जिसपर इमरान खान को कुर्सी पर बैठाने का आरोप है।