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Saturday, October 24, 2020

इस कीड़े को कार से भी कुचलना नामुमकिन


अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया के जंगलों में एक ऐसा कीड़ा पाया जाता है, जो अपने वजन का 39,000 गुना ज्यादा वजन झेल सकता है। यानी कि आप यदि उसके ऊपर से कार चला दें, तब भी वह सुरक्षित रहेगा। पश्चिमी अमेरिका के इलाकों में मिलने वाला यह ब्लैक बीटल या फ्लोड्स डायबोलिकस बलूत (ओक) के पेड़ों के नीचे रहता है। पेड़ के तने की छाल में बनी खाली जगह में रहता है और आसपास उगने वाले कवक (फंजाई) का भोजन करता है। जब इसपर संकट आता है तो ऐसे शांत पड़ जाता है जैसे मर गया हो। मजबूत से मजबूत शिकारी पक्षी की चोंच के हमलों को यह सहन कर सकता है। इसके ऊपर कार चलाकर देखी गई और उसके नीचे से यह जिन्दा बच निकला।

Thursday, October 22, 2020

किसने और क्यों खींचीं नाज़्का रेखाएं?

पेरू के एक पहाड़ पर दो हजार साल पहले उकेरी गई बिल्ली की एक तस्वीर सामने आने के साथ ही नाज़्का लाइंस का जिक्र एकबार फिर से शुरू हुआ है। नाज़्का लाइंस दक्षिणी पेरू के नाज़्का रेगिस्तान में खिंची ऐसी लकीरें हैं, जिनसे कई तरह के रूपाकार बने हैं। ये सभी आकृतियाँ 500 वर्ष ईसवी पूर्व से लेकर सन 500 के बीच बने हैं। इन विशाल आकार के भू-चित्रों को किसने बनाया, क्यों बनाया और कैसे बनाया, इस बात को लेकर कई तरह की अटकलें हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि ये नाज़्का संस्कृति की पहचान हैं। रेगिस्तानी मैदान में गहरे गड्ढे खोदकर उनमें स्थित पत्थरों को हटाया गया होगा ताकि अलग-अलग रंग की मिट्टी आसमान से नजर आए और उससे कोई रूपाकार बने। ये चित्र 500 मीटर से लेकर डेढ़ किलोमीटर की ऊँचाई से सबसे अच्छे नजर आते हैं।

Wednesday, October 21, 2020

पेरू के पहाड़ पर किसने उकेरी इतनी बड़ी बिल्ली की तस्वीर ?

 


दक्षिण अमेरिका के देश पेरू में पुरातत्व विज्ञानियों ने एक ऐसे पहाड़ की खोज की है, जिसपर एक विशाल बिल्ली की आकृति उकेरी गई है। 120 फुट लम्बी यह आकृति बिल्ली की है, इसे आप तभी पहचान सकते हैं, जब उसे आसमान से देखें। अनुमान है कि इस बिल्ली को पत्थरों पर करीब दो हजार साल पहले उकेरा गया होगा। इस आकृति को उकेरने का उद्देश्य क्या रहा होगा और किसने यह काम किया होगा, यह अभी रहस्य है।

पेरू के पहाड़ अपनी नाज़्का लाइंस के कारण पहले से ही प्रसिद्ध हैं। नाज़्का लाइंस पेरू के रेगिस्तान में पत्थरों और मिट्टी को हटाकर जमीन पर खींची गई रेखाएं हैं, जिनसे कुछ विचित्र सी आकृतियाँ बनती हैं। इन आकृतियों को भी आकाश से ही देखा जा सकता है। बिल्ली की जो आकृति खोजी गई है, वह नाज़्का लाइंस से भी पहले बनाई गई लगती है। यह बिल्ली पहाड़ के ढलान पर बनी है और करीब दो हजार साल से मौसम की मार के कारण इसका काफी क्षरण हो चुका है।

कुछ समय पहले तक यह बिल्ली नजर नहीं आती थी, पर जब पहाड़ की सफाई की गई तो वह उभर कर आई है। उसके पहले खोज करने वालों को इस पहाड़ पर कुछ विचित्र सी चीजें नजर आई थीं। जब सफाई की गई, तो यह बिल्ली उभर कर आई। बहरहाल यह शोध का विषय है कि पहाड़ की चट्टानों पर इस बिल्ली के आकार को किस तरह उकेरा गया होगा। इतनी बड़ी आकृति की परिकल्पना किसने की होगी और आसमान पर उड़ने की व्यवस्था तब थी नहीं, तब किसे लगा होगा कि तस्वीर पूरी बन गई है। वस्तुतः नाज़्का लाइंस से जुड़ी परिकल्पनाओं में एक यह भी है कि इन आकृतियों का रिश्ता अंतरिक्ष के निवासियों से है, जो धरती पर आते थे। नाज़्का लाइंस पर कुछ बातें पढ़ें कल।

 

Wednesday, June 29, 2016

Mysterious abandoned 'chicken church' in Indonesia


strange_mediaMysterious abandoned 'chicken church' built in Indonesian jungle by a man who had a vision from God...

Hidden deep inside the Indonesian jungle lies an enchanted 'church' which looks like a giant chicken.

The long-abandoned structure known locally as Gereja Ayam - or Chicken Church - attracts hundreds of curious travelers and photographers to the hills of Magelang, Central Java, every year.

But according to the its eccentric creator, the majestic building is neither a chicken nor a church.

Daniel Alamsjah was working in Jakarta - 342 miles away - when he suddenly got a divine message from God to build a 'prayer house' in the form of a dove.

Saturday, March 16, 2013

अद्भुत सुनामी बादल




अद्भुत विश्व/ Amazing world



अमेरिका के फ्लोरिडा में इन अद्भुत सुनामी बादलों की ये तस्वीरें एक साल पुरानी हैं। हेलिकॉप्टर पायलट माइक शैफर ने ये तस्वीरें खीचीं थीं। वास्तविक सुनामी में पानी की लहरें इतनी ऊँची उठती हैं। पर यह प्रभाव तब पैदा होता है जब पानी से भरी हवा की तेज लहर अपेक्षाकृत धीमी लहर के ऊपर से गुजरती है। मौसम विज्ञानी डैन शैटरफील्ड ने इस प्रभाव को अपने ब्लॉग में समझाया है। उन्होंने लिखा हैः- Cool air offshore was very nearly at the saturation point, with a temperature near 20ºC and a dew point of about 19.5ºC. The air at this temperature can only hold a certain amount of water vapor, and how much it can hold depends heavily on the temperature. If you add more water into the air, a cloud will form, but you can also get a cloud to form by cooling the air. Drop the temperature, and it can no long hold as much water vapor, so some of it will condense out and a cloud will form.




Sunday, November 11, 2012

Biggest tree in the world / दुनिया का सबसे बड़ा पेड़


अद्भुत विश्व-2
Amazing World-2


दुनिया का सबसे ऊँचा पेड़
 दुनिया का सबसे ऊँचा जीवित पेड़ है रेडवुड नेशनल पार्क, कैलिफोर्निया में खड़ा कोस्ट रेडवुड जिसकी ऊँचाई है 115.66 मीटर यानी 379 फुट। कुतुब मीनार से भी ऊँचे इस पेड़ की तुलना कुछ और चीजों से करें तो पाएंगे कि यह अमेरिकी संसद भवन और स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा ऊँचा है।


और सबसे बड़ा यानी सबसे ज्यादा जगह घेरने वाला पेड़ है जनरल शर्मन। आसानी से समझने के लिए सबसे ज्यादा लकड़ी देने वाला पेड़।

Wednesday, July 11, 2012

Hanging Temple of Henseng, China चीन की हेंगसेंग पहाड़ी पर हैंगिग बुद्ध मंदिर

अद्भुत विश्व-1
Amazing World-1
                  
                              





                         


The Hanging Temple or Hanging Monastery (simplified Chinese: 悬空寺; traditional Chinese: 懸空寺; pinyin: Xuánkong Sì) is a temple built into a cliff (75 m or 246 ft above the ground) near Mount Heng in Hunyuan County, Shanxi province, China. The closest city is Datong, 64.23 kilometers to the northwest. Along with the Yungang Grottoes, the Hanging Temple is one of the main tourist attractions and historical sites in the Datong area. Built more than 1,500 years ago, this temple is notable not only for its location on a sheer precipice but also because it includes Buddhist, Taoist, and Confucian elements. The structure is kept in place with oak crossbeams fitted into holes chiseled into the cliffs. The main supportive structure was hidden inside the bedrock.According to the history of Shangshen Mountain, construction of the temple was by only one man, a monk named Liao Ran (了然). Over a history of more than 1,600 years many repairs and extension led to its present day scale.This temple is over 50 meters tall.  From Wikipedia

चीन के शांची प्रांत में हेंग पहाड़ी पर बना यह बुद्ध मंदिर हैरत जगाता है। अब से लगभग 1600 साल बने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसे लियाओ रन नामक भिक्षु ने अकेले बनाया। मंदिर से कम रोचक नहीं है इस तक पहुँचने का रास्ता। कई जगह तो केवल छेनी से चट्टान काटकर इसे बनाया गया है।

Hanging Temple of Mount Heng