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Tuesday, October 8, 2024

पश्चिम एशिया में लड़ाई की पहली भयावह-वर्षगाँठ


गज़ा में एक साल की लड़ाई ने इस इलाके में गहरे राजनीतिक, मानवीय और सामाजिक घाव छोड़े हैं. इन घावों के अलावा भविष्य की विश्व-व्यवस्था के लिए कुछ बड़े सवाल और ध्रुवीकरण की संभावनाओं को जन्म दिया है. इस प्रक्रिया का समापन किसी बड़ी लड़ाई से भी हो सकता है.

यह लड़ाई इक्कीसवीं सदी के इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी. कहना मुश्किल है कि इस मोड़ की दिशा क्या होगी, पर इतना स्पष्ट है कि इसे रोक पाने में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से लेकर संरा सुरक्षा परिषद तक नाकाम हुए हैं. लग रहा है कि यह लड़ाई अपने दूसरे वर्ष में भी बिना किसी समाधान के जारी रहेगी, जिससे इसकी पहली वर्षगाँठ काफी डरावनी लग रही है.

इस लड़ाई के कारण अमेरिका, ब्रिटेन और इसराइल की आंतरिक-राजनीति भी प्रभावित हो रही है, बल्कि दुनिया के दूसरे तमाम देशों की आंतरिक-राजनीति पर इसका असर पड़ रहा है.

Wednesday, November 8, 2023

हमास का खात्मा भी समस्या का समाधान नहीं है


गज़ा में इसराइली सेना की कार्रवाई से तबाही मची है. दस हजार से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत इस दौरान हुई है. मरने वालों में ज्यादातर स्त्रियाँ, बच्चे और बूढ़े हैं. इलाके की दस फीसदी इमारतें खंडहरों में तब्दील हो चुकी हैं. इसराइली नाकेबंदी की वजह से ईंधन, पेयजल, खाद्य-सामग्री और चिकित्सा-सामग्री की जबर्दस्त किल्लत पैदा हो गई है, जिससे लाखों लोगों का जीवन खतरे में है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने लड़ाई फौरन रोकने का प्रस्ताव पास किया है, पर उसके रुकने की संभावना नज़र आ नहीं रही है. इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू खून का बदला खून से लेने और हमास को नेस्तनाबूद करने का दावा कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि अब इसराइल गज़ा की सुरक्षा का काम हमेशा के लिए अपने हाथ में रखेगा. इसराइली जनरल मानते हैं कि इस समय वे जिस अभियान को चला रहे हैं, वह करीब एक साल तक जारी रहेगा. 

उन्हें अपने देश के लोगों का और पश्चिम के काफी देशों का समर्थन प्राप्त है. इसका एक मतलब यह भी है कि गज़ा का कब्ज़ा अब इसराइल नहीं छोड़ेगा, पर अमेरिका इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं है. यह लड़ाई खत्म होने के बाद क्या होगा, इस विषय पर जापान में जी-7 देशों के विदेशमंत्री भी विचार कर रहे हैं.

दुनिया का और खासतौर से भारत का हित इस बात में है कि समस्या का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान हो. हमारा अनुभव है कि पश्चिम से उठी कट्टरपंथी आँधियाँ हमारे इलाके में भी आग भड़काती हैं.   

Friday, May 21, 2021

आखिरकार लड़ाई रुकी

 

युद्ध-विराम की घोषणा करते हुए जो बाइडेन

इसराइल और फ़लस्तीनी चरमपंथी हमस के बीच संघर्ष-विराम हो गया। दोनों पक्षों ने 11 दिन की लड़ाई के बाद आपसी सहमति से यह फ़ैसला किया। बताया जाता है कि इस संघर्ष-विराम के पीछे अमेरिका की भूमिका है, जिसने इसराइल पर युद्ध रोकने के लिए दबाव बनाया था। इसराइल की रक्षा-कैबिनेट ने गुरुवार 20 मई की रात 11 बजे हमले रोकने का फैसला किया, जिसके तीन घंटे बाद रात दो बजे युद्ध-विराम लागू हो गया। हमस के एक अधिकारी ने भी पुष्टि की कि यह संघर्ष-विराम आपसी रज़ामंदी से और एक साथ हुआ है, जो शुक्रवार तड़के स्थानीय समय के अनुसार दो बजे से लागू हो गया।

10 मई से शुरू हुई रॉकेट-वर्षा और जवाबी बमबारी में 240 से ज़्यादा लोग मारे गए जिनमें 12 इसराइली हैं और शेष ज़्यादातर मौतें गज़ा में हुईं। 7 मई को अल-अक़्सा मस्जिद के पास यहूदियों और अरबों में झड़प हुई। इसके बाद इस इलाके में प्रदर्शन हुए और इसराइली पुलिस ने अल अक़्सा मस्जिद में प्रवेश किया। इसके दो दिन बाद हमस ने इसराइल पर रॉकेट-वर्षा की जिसका जवाब इसराइली वायुसेना के हमले से हुआ।

गज़ा में कम-से-कम 232 लोगों की जान जा चुकी है। गज़ा पर नियंत्रण करने वाले हमस के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मारे गए लोगों में लगभग 100 औरतें और बच्चे हैं। इसराइल का कहना है कि गज़ा में मारे गए लोगों में कम-से-कम 150 चरमपंथी हैं। हमस ने अपने लोगों की मौत के बारे में कोई आँकड़ा नहीं दिया है।

Thursday, May 20, 2021

अमेरिका ने लड़ाई रोकने के लिए इसराइल और हमस दोनों पर दबाव बनाया

 

इसराइली बमबारी के बाद गज़ा का एक शहरी इलाका

वॉल स्ट्रीट जरनल के अनुसार जो बाइडेन प्रशासन और पश्चिम एशिया में उसके सहयोगी देश इसराइल और फलस्तीनी उग्रवादी ग्रुप हमस पर संघर्ष रोकने के लिए दबाव बना रहे हैं। इस संघर्ष में नागरिकों की हो रही मौतें चिंता का सबसे बड़ा कारण है।

राष्ट्रपति बाइडेन ने बुधवार को इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की और इस बात की उम्मीद जाहिर की कि फौरन फौजी कार्रवाई कम की जाएगी, ताकि संघर्ष-विराम का रास्ता खुल सके। अमेरिका ने अपने सम्पर्कों के मार्फत हमस के पास भी यह संदेश भिजवाया है।

इसराइली मीडिया के अनुसार नेतन्याहू ने जवाब में कहा कि हम तब तक कार्रवाई जारी रखने के लिए कृत-संकल्प हैं जब तक कि इसराइली नागरिकों की शांति और सुरक्षा सुनिश्चित न हो जाए। नेतन्याहू ने इससे पहले दावा किया था कि इस बार उनकी कार्रवाई से हमस को ऐसे झटके मिले हैं, जिसकी उसे उम्मीद नहीं थी और वो वर्षों पीछे चले गए हैं।