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Tuesday, October 25, 2022

सुनक के सिर पर काँटों का ताज


अंततः ब्रिटेन की कंज़र्वेटिव पार्टी ने ऋषि सुनक को अगले प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार कर लिया. वे भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री होंगे. संभवतः आज मंगलवार को वे अपना पद संभाल लेंगे. वे प्रधानमंत्री बन गए हैं, पर यह काँटों का ताज है.

उनके सामने कई मुश्किल चुनौतियां और सवाल हैं, जिनमें सबसे मुश्किल है ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था. ब्रिटेन ग़रीब होता जा रहा है और देश की जनता इसे महसूस कर रही है. उधर करीब 45 दिन के लिए प्रधानमंत्री रहीं लिज़ ट्रस के प्रशासन के दौरान देश के वित्तीय बाजार में जो तूफान आया, उससे मुसीबतें और बढ़ गई हैं.

आर्थिक असंतुलन

ब्रिटेन के सामने आयात पर बढ़ते बोझ और निर्यात से घटती आय के कारण पैदा हो रहे असंतुलन का खतरा है. यह संकट कोविड और यूक्रेन युद्ध के अलावा ब्रेक्ज़िट के कारण पैदा हुई परिस्थितियों के कारण है। देश में खुदरा मुद्रास्फीति 13 प्रतिशत से ऊपर चली गई है.

मंदी का खतरा पैदा हो गया है. इन सब बातों का प्रभाव आम लोगों की आय पर पड़ रहा है. सरकारी राजस्व घट रहा है, जिसकी वजह से कर्ज बढ़ेगा. पहली चुनौती है कि इस तेज गिरावट को रोका जाए. सुनक से इस बात की उम्मीद नहीं है कि वे व्यवस्था का पूर्ण-रूपांतरण कर देंगे, पर यदि वे गिरावट को रोककर स्थिरता कायम कर पाएं, तब उनकी बड़ी सफलता होगी.

फिलहाल उन्हें नेतागिरी की दौड़ में सफलता मिली है, पर असली सफलता आर्थिक मोर्चे पर होगी. वे पब्लिक फाइनेंस के विशेषज्ञ हैं और सबसे बड़ी बात है कि उनकी पार्टी के सांसदों के बहुमत को उनपर भरोसा है.

राजनीतिक चुनौती

असली चुनौती टोरी पार्टी की इज्जत बचाने की है. लेबर पार्टी का ग्राफ फिर से चढ़ने लगा है. इन दिनों देश में लोकप्रियता के जो सर्वे हो रहे हैं, उनमें लेबर नेता सर कीर स्टार्मर के वोट बढ़ते जा रहे हैं. हालांकि देश में जनवरी 2025 से पहले चुनाव की संभावना नहीं है, पर सुनक सफल रहे, तो वे उससे पहले भी चुनाव कराने के बारे में सोच सकते हैं.

Wednesday, November 18, 2020

भारत-द्रोही लॉर्ड नज़ीर की लॉर्ड्स सभा से बर्खास्तगी की सिफारिश

 


युनाइटेड किंगडम के हाउस ऑफ लॉर्ड्स की आचरण समिति ने गत मंगलवार 17 नवंबर को एक रिपोर्ट अपने एक सदस्य लॉर्ड नज़ीर के बारे में प्रकाशित की, जिसमें सिफारिश की गई थी कि इस व्यक्ति को सदन की सदस्यता से बर्खास्त कर देना चाहिए। इस बर्खास्तगी से पहले ही लॉर्ड नज़ीर ने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और वे 14 नवंबर को सदस्यता से मुक्त हो चुके हैं। यह रिपोर्ट वस्तुतः लॉर्ड नज़ीर की कमिश्नर फॉर स्टैंडर्ड्स की एक जाँच रिपोर्ट के विरुद्ध याचिका को खारिज करते हुए दी गई थी। अब यह रिपोर्ट 19 नवंबर को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में पेश की जाएगी। यह पहला मौका है जब किसी हाउस ऑफ लॉर्ड्स के किसी सदस्य की बर्खास्तगी हुई हो।

ब्रिटेन में नज़ीर अहमद नाम का पाकिस्तानी मूल का यह नागरिक बीस साल पहले हाउस ऑफ लॉर्ड्स का सदस्य बनाया गया था। ब्रिटेन में भारत-विरोधी अभियानों का यह मुख्य संचालक था। सन 2019 में उसके खिलाफ एक शिकायत आई थी कि उसने सहायता माँगने आई एक महिला का यौन शोषण किया। सन 2017 में ताहिरा ज़मां नामक एक महिला ने उनके पास आकर माँग की थी कि एक मुस्लिम पीर या ओझा की जाँच कराई जाए, जो स्त्रियों के लिए खतरनाक है।

ताहिरा ज़मां ने पिछले साल बीबीसी के कार्यक्रम न्यूज़नाइट में बताया था कि लॉर्ड नज़ीर ने मुझे बार-बार डिनर पर बुलाया और अंत में मैं इसके लिए तैयार हो गई। इसके बाद उसने मुझे पूर्वी लंदन स्थित अपने घर पर चलने को कहा। दोनों के बीच सहमति से सहवास भी हुआ, पर ताहिरा का कहना है कि मुझे मदद की जरूरत थी और इस आदमी ने इसका फायदा उठाया और अपने पद का गलत इस्तेमाल किया।