हर साल बजट के ठीक पहले जारी होने वाला चालू वित्त वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण दो मायनों में महत्वपूर्ण होता है। इससे अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य का पता लगता है और दूसरे अगले साल की बजट प्राथमिकताओं पर रोशनी पड़ती है। इस साल की आर्थिक समीक्षा के अनुसार अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 11 प्रतिशत और सांकेतिक जीडीपी वृद्धि दर 15.4 प्रतिशत रहेगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने पहले से ही 11.5 फीसदी का अनुमान व्यक्त किया है। इससे यह उम्मीद भी है कि बजट में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने वाले कार्यक्रमों की घोषणाएं होंगी।
यह 11 फीसदी उछाल भी हमें 2019-20 के स्तर पर वापस नहीं ले आएगा। उसके लिए हमें एक साल और इंतजार करना होगा। आर्थिक समीक्षा का दावा है कि इस रास्ते पर चलने से वर्ष 2019-20 की विकास दर की तुलना में वास्तविक जीडीपी में 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज होगी। यानी कि अर्थव्यवस्था दो साल में महामारी के पूर्व स्तर को हासिल करने के साथ-साथ इससे आगे निकल जाएगी।