अंततः भारत सरकार
को स्विस बैंकों में जमा धन के बारे में आधिकारिक जानकारियों का सिलसिला शुरू हो
गया है. इसी हफ्ते की खबर है कि सरकार को स्विस बैंकों में भारतीय खाता धारकों के
ब्यौरे की पहली लिस्ट मिल गई है. यह सूचना
भारत को स्विट्ज़रलैंड सरकार ने ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इनफॉर्मेशन (एईओआई) की नई
व्यवस्था के तहत दी है. यह जानकारी केवल भारत के लिए विशेष नहीं है, बल्कि स्विट्जरलैंड
के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन ने 75 देशों को दी है. भारत भी इनमें शामिल है.
इस सूची से भारत
को कितने काले धन की जानकारी मिलेगी और हम कितना काला धन वसूल कर पाएंगे, ऐसे
सवालों का जवाब फौरन नहीं मिलेगा. इन विवरणों की गहराई से जाँच करने की जरूरत
होगी. अलबत्ता महत्वपूर्ण वह व्यवस्था है, जिसके तहत यह जानकारी मिली है. यह एक
अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य दुनियाभर में टैक्स चोरी को रोकना तथा
काले धन पर काबू पाना है. भारत ने काफी संकोच के बाद 3 जून 2015 को स्विट्ज़रलैंड
के साथ इस समझौते पर दस्तखत किए थे और यह व्यवस्था इस साल सितंबर से लागू हुई है.