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Thursday, October 27, 2016

अंतरिक्ष के इस रहस्यमय सितारे पर नजर

ग्रीनबैंक टेलिस्कोप
नक्षत्र KIC 8462852, जिसे अनौपचारिक रूप से टैबीस स्टार कहा जा रहा है, इस वक्त अंतरिक्षविज्ञानियों की दिलचस्पी का विषय बना हुआ है। इसके असाधारण व्यवहार के कारण अनुमान लगाया जा रहा है कि यहाँ किसी अत्यधिक विकसित सभ्यता का निवास है, जो अंतरिक्ष की समस्त इंजीनियरी को समझती है या उसका निर्धारण करने में समर्थ है। दूसरी ओर अनुमान यह भी है कि इसकी चमक में आने वाली तेजी या कमी धूमकेतुओंं या किसी दूसरी प्राकृतिक परिघटना का परिणाम है, जिसे हमारे वैज्ञानिक अभी समझ नहीं पाए हैं।

वैज्ञानिक अभी इस बात पर सहमत नहीं हो पाए हैं कि धरती से 1,480 प्रकाश वर्ष दूर किसी बुद्धिमान प्राणी ने नक्षत्र की रोशनी को रोकने वाली कोई विशाल संरचना बना ली है। अलबत्ता अंतरिक्ष में बुद्धिमान प्राणी की खोज में लगी The Breakthrough Listen SETI (Search for Extraterrestrial Intelligence) परियोजना अपने सबसे ताकतवर रेडियो टेलिस्कोप इस काम में लगा रही है।

यह परियोजना रूसी उद्यमी यूरी मिल्नर और ब्रिटिश सैद्धांतिक भौतिकविज्ञानी स्टीफन हॉकिंग और फेसबुक के जन्मदाता मार्क जुकेनबर्ग का मिला-जुला प्रयास है। बुधवार 26 अक्तूबर से अमेरिका के पश्चिमी वर्जीनिया में लगे 100 मीटर के ग्रीन बैंक टेलिस्कोप (साथ का चित्र) के साथ वैज्ञानिकों की एक टीम ने इसके ऑब्जर्वेंशन का काम शुरू किया है। अगले दो महीने तक तीन-तीन रातें आठ-आठ घंटे टैबीस स्टार की गतिविधियों पर नजर रखने का काम किया जाएगा।

The Breakthrough Listen SETI कार्यक्रम के पास धरती का सबसे बड़ा टेलिस्कोप है। यह उपकरण बेहतर तरीके से इस परिघटना पर नजर रख सकता है। इस अध्ययन की खासियत है कि इस बार केवल एक सितारे पर नजर है।

http://www.seeker.com/alien-megastructure-tabbys-star-seti-intelligent-civilization-dyson-sp-2064947450.html

पूरा विवरण पढ़ें यहाँ
इससे पहले की मेरी यह पोस्ट भी पढ़ें

Monday, October 24, 2016

अंतरिक्ष से मिल रहे हैं संकेत


ब्रिटिश अख़बार इंडिपेंडेंट की खबर है कि दुनिया के अंतरिक्ष विज्ञानियों को अंतरिक्ष से संदेश मिल रहे हैं, जो सम्भव है कि एलियंस यानी दूसरे ग्रहों के प्राणियों के हों। अख़बार की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ये संदेश अब काफी बड़े स्तर पर मिलने लगे हैं। अंतरिक्ष के एक खास हिस्से से मिल रहे इन संकेतों के विश्लेषण से लगता है कि इनके पीछे बुद्धिमान प्राणियों का हाथ है। और वे अपने अस्तित्व को प्रकट करना चाहते हैं।

यह नया अध्ययन तकरीबन उन 25 लाख नक्षत्रों में से 234 से प्राप्त संकेतों का है, जिनका पर्यवेक्षण वैज्ञानिक कर रहे हैं। इस विश्लेषण से पता लगता है कि इनमें से कुछ का व्यवहार असामान्य है। चूंकि उसके पीछे के कारणों को वैज्ञानिक स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए उनका अनुमान है कि ये संकेत एलियंस के हो सकते हैं। पर कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि सम्भव है हम नक्षत्र की चमक में आए असाधारण बदलावों के प्रकाृतिक कारणों को समझ नहीं पाए हैं। या हमारी जानकारी में अभी कमी हो। इसे किसी बुद्धिमान प्राणी के संकेत मान लेना जल्दबाजी होगी।

Wednesday, July 22, 2015

अभी कितनी दूर है अंतरिक्ष का जीव?

नासा की मुख्य वैज्ञानिक एलेन स्टोफन ने इस साल अप्रैल में एक सम्मेलन में कहा, मुझे लगता है कि एक दशक के भीतर हमारे पास पृथ्वी से दूर अन्य ग्रहों पर भी जीवन के बारे में ठोस प्रमाण होंगे.  हम जानते हैं कि कहां और कैसे खोज करनी है. उनकी बात का मतलब यह नहीं कि अगले दस साल में हम विचित्र शक्लों वाले जीवधारियों से बातें कर रहे होंगे. उन्होंने कहा था, हम एलियन के बारे में नहीं, छोटे-छोटे जीवाणुओं ज़िक्र कर रहे हैं.

आपने फिल्म ईटी देखी होगी. नहीं तो टीवी सीरियल देखे होंगे जिनमें सुदूर अंतरिक्ष में रहने वाले जीवों की कल्पना की गई है. परग्रही प्राणियों से मुलाकात की कल्पना हमारे समाज, लेखकों, फिल्मकारों और पत्रकारों को रोमांचित करते रही है. अखबारों में, टीवी में उड़न-तश्तरियों की खबरें अक्सर दिखाई पड़ती हैं. हॉलीवुड से बॉलीवुड तक फिल्में बनी हैं. परग्रही जीवन के संदर्भ में वैज्ञानिक अब नए प्रश्न पूछ रहे हैं. परग्रही जीवन कैसा होता होगा? कितने समय में उसका पता चलेगा और हम इसे कैसे पहचानेंगे? हाल के निष्कर्ष हैं कि यह जीवन हमारे काफी करीब है. वह धरती के आसपास के ग्रहों या उनके उपग्रहों में हो सकता है.

ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग ने सोमवार को 10 करोड़ डॉलर की जिस परियोजना का सूत्रपात किया है वह मनुष्य जाति के इतिहास के सबसे रोमांचक अध्याय पर से पर्दा उठा  सकती है. यह परियोजना रूसी मूल के अमेरिकी उद्यमी और सिलिकॉन वैली तकनीकी निवेशक यूरी मिलनर ने की है. मिलनर सैद्धांतिक भौतिक-विज्ञानी भी हैं. इस परियोजना में कारोबार कम एडवेंचर ज्यादा है. कोई वैज्ञानिक विश्वास के साथ नहीं कह सकता कि अंतरिक्ष में जीवन है. किसी के पास प्रमाण नहीं है. पर कार्ल सागां जैसे अमेरिकी वैज्ञानिक मानते रहे हैं कि अंतरिक्ष की विशालता और इनसान की जानकारी की सीमाओं को देखते हुए यह भी नहीं कहा जा सकता कि जीवन नहीं है.