प्रशासक, विचारक, लेखक और आंशिक रूप से राजनेता गोपाल
कृष्ण गांधी की देश की ‘गंगा-जमुनी’ संस्कृति के पक्षधर के रूप में पहचान है. उन्हें
महत्वपूर्ण बनाती है उनकी विरासत और विचारधारा. उनके पिता देवदास गांधी थे और माँ
लक्ष्मी गांधी, जो राजगोपालाचारी की बेटी थीं. दादा महात्मा गांधी और नाना
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी.
गोपाल कृष्ण गांधी ‘सामाजिक बहुलता’ के पुजारी हैं, और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व
में विकसित हो रहे ‘राजनीतिक हिन्दुत्व’ के मुखर विरोधी. विपक्षी दलों ने उन्हें
उप-राष्ट्रपति पद के लिए चुनकर यह बताने की कोशिश की है कि भारत जिस सांस्कृतिक
चौराहे पर खड़ा है, उसमें वे वैचारिक विकल्प का प्रतिनिधित्व करते हैं. वे मोदी के
सामने ‘सांस्कृतिक चुनौती’ के रूप में खड़े हैं.