कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव अब पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों के बाद जून 2021 में होगा। कांग्रेस कार्य समिति की आज (शुक्रवार, 22 जनवरी) हुई बैठक में इसका फैसला किया गया। इससे पहले पार्टी की बैठक में दो गुटों के बीच काफी बहस हुई, जिसमें राहुल गांधी ने भी दखल दिया।
कांग्रेस महासचिव
केसी वेणुगोपाल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस कार्य
समिति फैसला किया है कि जून 2021 में एक नए निर्वाचित
कांग्रेस अध्यक्ष होंगे।" इससे पहले समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले
से जानकारी दी थी कि कांग्रेस संगठन के चुनाव मई
में कराए जा सकते हैं। एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि कांग्रेस
महासमिति का सत्र 29 मई को आयोजित किया जाएगा।
हालांकि कार्यसमिति ने पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की है, पर अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कार्यसमिति के चुनाव होंगे या नहीं। पिछले अगस्त में जो पत्र लीक हुआ था, उसमें यह माँग भी थी।
सूत्रों के
अनुसार कार्यसमिति की बैठक में गुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक और चिदंबरम ने तत्काल संगठनात्मक चुनाव के लिए कहा।
वे उन कांग्रेस नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कई चुनावों में
हार के बाद हाल के महीनों में पार्टी के नेतृत्व और प्रबंधन पर असहज सवाल उठाए हैं।
इन नेताओं की
मांग के खिलाफ अशोक गहलोत, अमरिंदर सिंह, एके एंटनी, तारिक अनवर और ओमन चांडी
ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव बंगाल और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों के
विधान सभा चुनावों के बाद होना चाहिए। एक नेता ने टिप्पणी की, हम किसके एजेंडे पर
काम कर रहे हैं? भाजपा हमारी पार्टी की तरह आंतरिक चुनावों के
बारे में बात नहीं करती है? पहली प्राथमिकता राज्य के
चुनाव और फिर संगठनात्मक चुनाव लड़ना है।
अंततः दूसरा गुट
प्रबल साबित हुआ। नेताओं ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के कार्यक्रम पर
सोनिया गांधी ही अंतिम फैसला करेंगी। पार्टी की आंतरिक चुनाव समिति ने पहले मई के
आखिर में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कराने के सुझाव दिया था।
पार्टी के
ज्यादातर नेताओं की मांग है कि राहुल गांधी एकबार फिर
पार्टी की कमान संभालें, पर राहुल गांधी अध्यक्ष बनने की बात पर कोई खास
दिलचस्पी नहीं ले रहे थे। अब सीडब्ल्यूसी मीटिंग को मई तक टाल दिया गया है। ऐसें
में सवाल ये उठने लगा है कि आखिरकार अगर अध्यक्ष राहुल गांधी को ही बनना हो तो फिर
क्या जनवरी, क्या फरवरी....उनको
पार्टी की कमान सौंप देना चाहिए। मगर इसमें भी एक पेंच है। पेंच ये है कि पार्टी
की हालत सब जानते हैं कि कैसी है। बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार अभी तक पार्टी
को साल रही है। अब नए अध्यक्ष की छवि पार्टी खराब नहीं होना देना चाहती।
वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई आज की बैठक की अध्यक्षता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष
सोनिया गांधी ने की। बैठक में सोनिया गांधी ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार
पर जमकर
हमला बोला। कार्यसमिति ने किसानों के मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित किया। इसके
अलावा कोरोना टीकाकरण के लिए
वैज्ञानिकों को धन्यवाद देने और लोगों से आगे आने की अपील करने के लिए भी प्रस्ताव
पारित किया। इसके अलावा इस बैठक में अर्नब गोस्वामी के वॉट्सएप चैट लीक को
राष्ट्रीय सुरक्षा भंग करना बताया और इसकी जाँच के लिए संयुक्त संसदीय
समिति(जेपीसी)गठित करने की माँग भी की।
सोनिया गांधी ने
कहा कि सरकार ने से किसानों के मुद्दे पर चौंकाने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार का
परिचय दिया है। यह स्पष्ट है कि खेती से जुड़े तीन कानून जल्दबाजी में तैयार किए
गए थे, संसद को उन्हें जांचने के
अवसर से वंचित किया गया।
No comments:
Post a Comment