सन 2014 में मोदी सरकार के आगमन के पहले ही देश में पत्र-युद्ध शुरू हो गया था। चुनाव परिणाम आने के एक साल पहले अमेरिका में कुछ भारतीय राजनेताओं के नाम से चिट्ठी भेजी गई कि नरेन्द्र मोदी को अमेरिका का वीजा नहीं मिलना चाहिए। लंदन के गार्डियन में भारत के कुछ बुद्धिजीवियों के नाम से लेख छपा जिसमें कहा गया कि मोदी आया तो कहर बरपा हो जाएगा। गार्डियन, इकोनॉमिस्ट, वॉशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे प्रतिष्ठित अखबारों में मोदी के आगमन के साथ जुड़े खतरों को लेकर सम्पादकीय टिप्पणियाँ लिखी गईं।
सरकार बनने के एक साल बाद अवॉर्ड वापसी का एक दौर चला और यह जारी है। शुरू में इन पत्रों का जवाब कोई नहीं दे रहा था, पर हाल के वर्षों में जैसे ही ये पत्र सामने आते हैं, कुछ दूसरे लेखकों, कलाकारों, संगीतकारों, इतिहासकारों की तरफ से पत्र जारी होने लगे हैं। कहना मुश्किल है कि आम नागरिक इन पत्रों की तरफ ध्यान देते हैं या नहीं, पर इनसे जुड़ी राजनीति का बाजार गर्म है। आमतौर पर ये पत्र, लेख या टिप्पणियाँ एक खास खेमे से निकल कर आती हैं। यह खेमा लम्बे अरसे तक देश के कला-संस्कृति जगत पर हावी रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 49 हस्तियों की ओर से ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाओं को रोकने के लिए लिखे गए पत्र के जवाब में 61 सेलिब्रिटीज ने खुला पत्र जारी किया है। इन्होंने पीएम को लिखे गए पत्र को ‘सिलेक्टिव गुस्सा’ और ‘गलत नैरेटिव’ सेट करने की कोशिश करने वाला बताया है। इसके पहले पीएम को संबोधित करते हुए चिट्ठी में लिखा गया था कि देश भर में लोगों को ‘जय श्रीराम’ के नारे के आधार पर उकसाने का काम किया जा रहा है। साथ ही दलित, मुस्लिम और दूसरे कमजोर तबकों की ‘मॉब लिंचिंग’ को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई है।
सरकार बनने के एक साल बाद अवॉर्ड वापसी का एक दौर चला और यह जारी है। शुरू में इन पत्रों का जवाब कोई नहीं दे रहा था, पर हाल के वर्षों में जैसे ही ये पत्र सामने आते हैं, कुछ दूसरे लेखकों, कलाकारों, संगीतकारों, इतिहासकारों की तरफ से पत्र जारी होने लगे हैं। कहना मुश्किल है कि आम नागरिक इन पत्रों की तरफ ध्यान देते हैं या नहीं, पर इनसे जुड़ी राजनीति का बाजार गर्म है। आमतौर पर ये पत्र, लेख या टिप्पणियाँ एक खास खेमे से निकल कर आती हैं। यह खेमा लम्बे अरसे तक देश के कला-संस्कृति जगत पर हावी रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 49 हस्तियों की ओर से ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाओं को रोकने के लिए लिखे गए पत्र के जवाब में 61 सेलिब्रिटीज ने खुला पत्र जारी किया है। इन्होंने पीएम को लिखे गए पत्र को ‘सिलेक्टिव गुस्सा’ और ‘गलत नैरेटिव’ सेट करने की कोशिश करने वाला बताया है। इसके पहले पीएम को संबोधित करते हुए चिट्ठी में लिखा गया था कि देश भर में लोगों को ‘जय श्रीराम’ के नारे के आधार पर उकसाने का काम किया जा रहा है। साथ ही दलित, मुस्लिम और दूसरे कमजोर तबकों की ‘मॉब लिंचिंग’ को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई है।