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Thursday, August 29, 2024

यूरोप में बढ़ती भारतीय भूमिका


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन-यात्रा ने भारतीय विदेश-नीति की स्वतंत्रता को पुष्ट करने के साथ यूरोप में नई भूमिका को भी रेखांकित किया है. यूक्रेन में मोदी ने दृढ़ता से कहा, हम तटस्थ नहीं, युद्ध के विरुद्ध और शांति के पक्ष में हैं. यह बात हमने राष्ट्रपति पुतिन से भी कही है कि यह दौर युद्ध का नहीं है.   

उनके इस दौरे से यूरोप में भारत के दृष्टिकोण को बेहतर और साफ तरीके से समझने का आधार तैयार हुआ है. इससे वैश्विक-राजनीति में भारत का कद ऊँचा होगा और यूक्रेन के साथ हमारे द्विपक्षीय-संबंध सुधरेंगे, जो युद्ध के बाद कटु हो गए थे.

यूक्रेन और रूस के युद्ध पर इस यात्रा के पूरे असर को देखने और समझने के लिए हमें कुछ समय इंतज़ार करना होगा. लड़ाई की जटिलताएं आसानी से सुलझने वाली भी नहीं हैं. पहले इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि यह झगड़ा यूक्रेन और रूस के अलावा परोक्षतः अमेरिका और रूस के बीच का भी है.

Thursday, April 16, 2015

‘लुक ईस्ट’ के बाद ‘लुक वेस्ट’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूरोप और कनाडा यात्रा के राजनीतिक और आर्थिक महत्व के बरक्स तकनीकी, वैज्ञानिक और सामरिक महत्व भी कम नहीं है. इन देशों के पास भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं की कुंजी भी है. इस यात्रा के दौरान ‘मेक इन इंडिया’ अभियान, स्मार्ट सिटी और ऊर्जा सहयोग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण विषय बनकर उभरे हैं. न्यूक्लियर ऊर्जा में फ्रांस और सोलर इनर्जी में जर्मनी की बढ़त है. इन सब बातों के अलावा अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद इन सभी देशों की चिंता का विषय है.

आज कनाडा में प्रधानमंत्री की यात्रा का अंतिम दिन है. कनाडा की आबादी में भारतीय मूल के नागरिकों का प्रतिशत काफी बड़ा है. अस्सी के दशक में खालिस्तानी आंदोलन को वहाँ से काफी हवा मिली थी. सन 1985 में एयर इंडिया के यात्री विमान को कनाडा में बसे आतंकवादियों ने विस्फोट से उड़ाया था, जिसकी यादें आज भी ताज़ा हैं. सामरिक दृष्टि से हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भारत-अमेरिका-जापान और ऑस्ट्रेलिया की पहलकदमी में कनाडा की भी महत्वपूर्ण भूमिका है.