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Sunday, June 13, 2021

कांग्रेस का असंतोष-द्वार


कांग्रेस पार्टी एकबार फिर से संकट का सामना कर रही है। अगले साल के फरवरी-मार्च महीनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधान सभा चुनाव होंगे। पिछले बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के पार्टी छोड़ने के बाद राजस्थान में सचिन पायलट खेमे का हौसला बढ़ा है। शुक्रवार को सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि थी। पिछले साल उनकी पुण्यतिथि से पैदा हुए असंतोष ने फिर से सिर उठाया है। यह आक्रोश किस हद तक जाएगा, इसका पता अगले कुछ दिन में लगेगा। पार्टी हाईकमान ने अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडेय को जयपुर भेजा है। सचिन खुद शुक्रवार को दिल्ली आ गए हैं और हाईकमान के सम्पर्क में हैं। उनसे फौरन खतरा नजर नहीं आ रहा है, पर पार्टी में असंतोष है।

पंजाब और राजस्थान

पंजाब में नवजोत सिद्धू की महत्वाकांक्षाओं ने सिर उठाया है। मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में तीन सदस्यों की समिति ने हाईकमान को सुझाव दिया है कि राज्य में वैकल्पिक नेतृत्व तैयार करना चाहिए। कांग्रेस ने अपेक्षाकृत अच्छे परिणाम पंजाब में दिए हैं। इसके पीछे कैप्टेन अमरिंदर सिंह का कड़क नेतृत्व भी है। फिर भी बीजेपी से कांग्रेस में आए सिद्धू की इतनी हिम्मत कैसे होती है? इसके पीछे कारण है कि वे हाईकमान से रिश्ता बनाकर रखते हैं। एकबार वे कह भी चुके हैं कौन कैप्टेन अमरिंदर? मेरे कैप्टेन राहुल गांधी हैं।

उधर राजस्थान में सचिन पायलट के समर्थकों का कहना है कि पार्टी पंजाब में वैकल्पिक नेतृत्व की बात कर रही है और राजस्थान में हमारी उपेक्षा।  हाईकमान के सूत्र कह रहे हैं कि कोई बगावत राजस्थान में नहीं है। मंत्रिमंडल में खाली पड़े नौ पदों को जल्दी ही भरा जाएगा। इतने पदों के लिए करीब 40 दावेदार हैं। पायलट-समर्थक भी 30-35 हैं। अशोक गहलोत सरकार को बहुमत प्राप्त करने के लिए बसपा और निर्दलीय विधायकों का समर्थन लिया गया था। इनकी कुल संख्या 15 के आसपास है। उन्हें भी जगह देनी है।

Thursday, June 10, 2021

कांग्रेस की टूट का लम्बा सिलसिला

काँग्रेस की स्थापना के समय सन् 1885 का चित्र

भारत के सबसे पुराने राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन 1885 में हुआ था और इस पार्टी ने देश की आज़ादी की लड़ाई में बड़ा योगदान दिया था। आजादी के बाद इसी पार्टी ने सबसे अधिक समय तक देश पर शासन किया। 1947 से अब तक टुकडों-टुकड़ों में कांग्रेस ने कोई 54 साल तक केंद्र की सरकार चलाई।

इस बीच पार्टी का कई बार विभाजन हुआ और वर्तमान कांग्रेस भी इसका एक धड़ा ही था जिसे कांग्रेस (आई) यानी कांग्रेस इंदिरा कहा जाता था। बाद में चुनाव आयोग ने इसे ही असली कांग्रेस का दर्जा दे दिया। जवाहर लाल नेहरू के नाती और इंदिरा गाँधी के बेटे राजीव गाँधी की पत्नी सोनिया गाँधी इस समय कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। उन्होंने 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला था। एक छोटे से दौर में उनके पुत्र राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने थे, पर 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की पराजय के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद सोनिया गांधी फिर से का4यकारी अध्यक्ष की भूमिका निभा रही हैं। पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव जून में कराने की योजना थी, पर महामारी के कारण यह चुनाव फिर टल गया है।

Wednesday, June 9, 2021

जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस छोड़ी


उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के युवा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। 2019 में भी कांग्रेस छोड़कर उनके बीजेपी में आने की चर्चा चली थी, पर अंतिम क्षणों में वह घोषणा रुक गई। उस वक्त खबर थी कि जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो चुके हैं। बहरहाल बाद में खबर आई कि प्रियंका गांधी ने उन्हें फोन करके मना लिया और प्रसाद रास्ते से लौट गए। अब कहा जा रहा है कि इसबार जितिन प्रसाद ने दो दिनों से अपना फोन बंद कर रखा था।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को कमजोर करने के बीजेपी के अभियान की शुरुआत हो गई है। जितिन प्रसाद ब्राह्मणों के बड़े नेता माने जाते हैं और यूपी में ब्राह्मण मतदाताओं की 10% की बड़ी हिस्सेदारी है।  जितिन प्रसाद ने बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता लेने के बाद कहा कि मैंने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का फैसला बहुत सोच-समझकर लिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के नाम पर कोई राजनीतिक दल है तो वह एकमात्र बीजेपी है। उन्होंने कहा, "मैं ज्यादा बोलना नहीं चाहता हूं, मेरा काम बोलेगा। मैं बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में 'सबका साथ, सबका विश्वास' और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के लिए काम करूंगा।"

यूपी में महत्वपूर्ण भूमिका

पीयूष गोयल ने उन्हें बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई। उन्होंने जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश का बड़ा नेता बताया और कहा कि यूपी की राजनीति में प्रसाद की बड़ी भूमिका होने वाली है। गोयल ने उत्तर प्रदेश की जनता के हित में जितिन प्रसाद के किए गए कामों का भी उल्लेख किया और कहा कि उनके आने से यूपी में बीजेपी का हाथ और मजबूत हुआ है।