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Saturday, September 15, 2012

एक और सायना का उदय

मौज़ूदा दौर में भारतीय खेलों में सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाला काम हैदराबाद में पी गोपीचन्द और उनके साथी कर रहे हैं। भारतीय बैंडमिंटन की जो नई पौध तैयार हो रही है उसमें से एक पुसरला वेंकटेशा सिंधु ने शुक्रवार को चीन की इस साल की ओलिंम्पिक गोल्ड मेडल विनर ली श्वेरुई को हराकर संकेत किया है कि सायना नेहवाल के बाद और शायद उनसे भी ज्यादा ताकतवर खिलाड़ी सामने आ गई है। सिंधु ने यह जीत चीन के चेंगझाओ में हो रही चाइना मास्टर्स सुपर सीरीज़ में हासिल की है।  17 साल की सिंधु ने अपने क्वार्टर फाइनल मैच के पहले गुरुवार को आठवीं सीड थाईलैंड की पोरंतिप बरानाप्रसेरत्सक को हराकर संकेत दे दिया था कि वे इस बार बड़े इरादे से आईं हैं। इसी साल फरबरी में उबेर कप के एक मैच में ली श्वेरुई ने उन्हें 21-16, 21-13 से आसानी से हराया था। श्वेरुई ने इस साल ओलिम्पिक और ऑल इंग्लैंड सहित पाँच टाइटल जीते हैं। इस मैच के पहले वह एक मैच और हारी हैं, 17 जून को इंडोनेशिया ओपन का फाइनल मैच सायना नेहवाल के हाथ। सायना नेहवाल ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा न लेने का फैसला किया था। अब वे जापान मास्टर्स सीरीज़ में भाग लेंगी। शायद यह सोच-समझकर किया गया होगा. क्योंकि सिंधु को आजमाने का इससे बेहतर मौका और नहीं हो सकता था। यों भी केवल सायना नेहवाल को होने से उनपर बोझ पड़ता है और दूसरे देशों के खिलाड़ी उनके खेल को पढ़कर जवाब खोज लेते हैं। एक से ज्यादा खिलाड़ी पास में होने से हमारे पास बेहतर चॉइस होती है। बहरहाल सिधु अब खेल के एक लेवल ऊपर आ गईं हैं। चीन की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को चीनी दर्शकों के ही सामने हराना बड़ी उपलब्धि है।

इस प्रतियोगिता में तीन नए भारतीय खिलाड़ी खास तौर से सामने आए हैं। सिंधु के अलावा आरएमवी गुरुसायदत्त और अजय जयराम। गुरु ने पहले पूर्व ऑल इंगलैंड चैम्पियन हफीज़ हाशिम को और फिर अपने ही देश के पी कश्यप को हराया। अजय जयराम पुरुष वर्ग के सेमी फाइनल में पहुँच गए हैं उन्होंने अपने ही देश के सौरभ वर्मा को हराया। गुरुसायदत्त हालांकि 8-21, 12-21 के स्कोर पर चीन के चेंग लोंग से हार गए हैं, पर चेंग टॉप सीड खिलाड़ी है।