स्टीव जॉब्स इस दौर के के श्रेष्ठतम उद्यमियों में से एक थे, पर भारत के लोगों से उनका परिचय बहुत ज्यादा नहीं था। एपल के उत्पाद भारत में बहुत प्रचलित नहीं हैं, पर भारतीय मीडिया ने उनके निधन पर जो कवरेज की उससे लगता था कि हम प्रतिभा की कद्र करना चाहते हैं। पर हिन्दी के किसी अखबार में फॉर्मूला-1 की रेस के उद्घाटन की खबर टॉप पर हो और श्रीलाल शुक्ल के निधन की छोटी सी खबर छपी हो तो बात समझ में आती है कि दुनिया बदल चुकी है। जिस कॉलम में श्रीलाल शुक्ल की खबरहै उसके टॉप की खबर है नताशा के हुए गंभीर।