जैसी कि उम्मीद थी भारत और अमेरिका के बीच ‘टू प्लस टू’ वार्ता के दौरान बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (बेका) हो गया। यह समझौता सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें दोनों देश सामरिक दृष्टि से बेहद गोपनीय जानकारियाँ एक-दूसरे को उपलब्ध कराएंगे। हालांकि यह समझौता भारत और चीन के बीच खराब होते रिश्तों की पृष्ठभूमि में हुआ है, पर इसका तात्कालिक कारण यह नहीं है। इस समझौते की रूपरेखा वर्षों से तैयार हो रही थी और 2002 में इसकी शुरुआत हो गई थी। भारत का धीरे-धीरे अमेरिका के करीब जाना पाकिस्तान-चीन के आपसी रिश्तों की निकटता से भी जुड़ा है।
नब्बे का दशक और इक्कीसवीं सदी का प्रारम्भ भारतीय विदेश-नीति के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा है। नब्बे के दशक की शुरुआत कश्मीर में पाकिस्तान के आतंकी हमले से हुई थी, जिसकी पृष्ठभूमि 1989 में तैयार हो गई थी। इसके कुछ वर्ष बाद ही भारत और इसरायल के राजनयिक संबंध स्थापित हुए। इसी दौर में नई आर्थिक नीति के भारत सहारे तेज आर्थिक विकास की राह पर बढ़ा था।