चुनाव घोषित होने के बाद अब सबका ध्यान इस बात पर जाएगा कि मतदाता किस
बात पर वोट डालेगा। तीन महीने पहले हुए पाँच राज्यों के विधान सभा चुनावों के
दौरान जो मुद्दे थे, वे अब पूरी तरह बदल गए हैं। हाल में रायटर्स ने एक लम्बी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है
कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के हमले से देश के ग्रामीण
इलाकों में पिछले कुछ समय से छाई निराशा के बादल छँटते नजर आ रहे हैं। देश की
तकरीबन 70 फीसदी आबादी गाँवों में रहती है और देश की राजनीति की दिशा तय करने में
गाँवों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। रायटर्स ने इस सिलसिले में किसानों से
बात की है। अपनी बदहाली से नाखुश होने के बावजूद किसानों को लगता है कि मोदी अगर
पाकिस्तान को सबक सिखाता है, तो अच्छी बात है। पर यह सब देशभक्ति तक सीमित नहीं होगा, राष्ट्रवाद का अर्थ, उसकी जरूरत, भारतीय राष्ट्र राज्य की संरचना, उसकी अवधारणा और उसका विकास ये सारे मुद्दे उसमें शामिल होंगे। हमारे यहाँ किसी वजह से कुछ लोग राष्ट्रवाद का नाम सुनकर ही भड़कने लगते हैं। जबकि जरूरत इस विषय पर गहराई से जाने की है।