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Friday, January 13, 2023

जोशीमठ : 2-3 जनवरी की रात आखिर क्या हुआ?


जोशीमठ में घर और जमीन धँसने का सिलसिला जारी है। 12 जनवरी को जोशीमठ के सिंहधार इलाके में एक नई जगह से जमीन से पानी फट पड़ा। यहां भय का माहौल बढ़ता जा रहा है, लेकिन इन सब के बीच लोगों के जहन में अभी भी यह सवाल बना हुआ है कि दो-तीन जनवरी की रात अचानक ऐसा क्या हुआ कि उनके घरों में आई हल्की दरारें न केवल चौड़ी हो गई, बल्कि दो होटल सहित कई घर झुक भी गए। डाउन टु अर्थ में पढ़ें राजू सजवान की पूरी रिपोर्ट

विफल क्यों रहती हैं भारत-पाक वार्ताएं?

इस हफ्ते की शुरुआत में, पाकिस्तानी स्तंभकार हामिद मीर और जावेद चौधरी ने बताया कि 2018 की गुप्त बैठकों ने इतिहास के पाठ्यक्रम को लगभग बदल दिया. अप्रैल 2021 में हिंगलाज माता मंदिर की तीर्थ यात्रा के बाद, उनके मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मिलना था और कश्मीर में यथास्थिति को बनाए रखने के लिए एक डील की घोषणा करनी थी. राजनीतिक प्रतिक्रिया के डर से खान के समझौते से पीछे हटने के बाद शिखर सम्मेलन की योजना ध्वस्त हो गई. इन नाटकीय खुलासों पर न तो इस्लामाबाद और न ही नई दिल्ली की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई है. इसके अलावा, बताई गई बातों के बारे में संदेह होने के बहुत सारे कारण हैं, जो कि जनरल बाजवा द्वारा आयोजित ब्रीफिंग पर काफी हद तक निर्भर करते हैं. दिप्रिंट में पढ़ें प्रवीण स्वामी का रोचक आलेख। इसके साथ प्रवीण स्वामी का एक और लेख पढ़ें दिल्ली में अपना प्रतिनिधि रखना चाहते हैं तालिबान

जीडीपी अनुमानों के आंकड़ों की खामियां

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) किसी भी एक वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के वार्षिक आकार का अनुमान निकालने की प्रक्रिया छह बार दोहराता है। ये आंकड़े 36 महीने यानी तीन साल की अवधि में जारी किए जाते हैं। उसी वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) संख्या के अनुमान की पहली और अंतिम दोहराई गई प्रक्रिया के बीच की तुलना करने पर कई महत्त्वपूर्ण अंतर सामने दिखने लगते हैं। कुछ वर्षों में यह अंतर पहली बार में ही अधिक अनुमान के रूप में दिखता है जबकि अन्य दोहराई गई प्रक्रिया में अनुमानों का आंकड़ा कम हो जाता है। उदाहरण के तौर पर पहले अग्रिम अनुमान (एफएई) के अनुसार वर्ष 2016-17 में भारत के जीडीपी में वास्तविक वृद्धि 7.1 प्रतिशत थी। लेकिन तीसरे संशोधित अनुमान के माध्यम से उस संख्या की छठी और अंतिम पुनरावृत्ति के मुताबिक वर्ष 2016-17 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत थी। वर्ष 2017-18 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, हालांकि संशोधित अनुमानों के अंतर का दायरा छोटा था और यह पहले अनुमान के 6.5 प्रतिशत से बढ़कर अंतिम चरण के दौरान 6.8 प्रतिशत तक हो गया। बिजनेस स्टैंडर्ड में एके भट्टाचार्य का लेख